कोलंबो: श्रीलंका में चल रहे आर्थिक संकट ने स्पोर्ट्स टीमों को प्रभावित किया है। उनमें से कई टीमें डॉलर संकट के कारण एशियाई और विश्व स्तर पर अंतरराष्ट्रीय खेलों में भाग नहीं ले पा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में शुक्रवार को इस बात का जिक्र किया गया।
इस साल श्रीलंका के वॉलीबॉल, एथलेटिक्स, फुटबॉल, बैडमिंटन, भारोत्तोलन, नेटबॉल, टेबल टेनिस, जूडो और कुश्ती सहित कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग न लेने की संभावना है।
श्रीलंका के अंग्रेजी समाचार पत्र डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम 30 राष्ट्रीय खेल संघ जो राष्ट्रीय खेल परिषद (एनएससी) और उच्च प्रदर्शन खेल कार्यक्रम द्वारा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए अनुमोदित धन पर निर्भर थे, विदेशी कोचों के लिए विदेशी प्रशिक्षण और भत्ता न होने के कारण काम नहीं कर रहे हैं।
समाचार पत्र में छपी खबरों के अनुसार होटल आवास के लिए प्रवेश शुल्क और संबंधित व्यय का भुगतान डॉलर में किया जाना है, लेकिन स्थानीय बैंक क्रेडिट सुविधाओं की पेशकश नहीं कर रहा है, इसलिए श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने में असमर्थ है।उल्लेखनीय है कि श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए पंजीकृत था, लेकिन अब आर्थिक संकट से प्रभावित होने के कारण वह अपने प्रवेश शुल्क का भुगतान करने में असमर्थ है।
श्रीलंकाई क्रिकेटरों ने जताई चिंता
भले ही अन्य खेलों की तरह क्रिकेट अभी श्रीलंकाई आर्थिक संकट से अछूता है लेकिन श्रीलंका के पूर्व शीर्ष खिलाड़ी जैसे 1996 का विश्वकप जीत चुके अर्जुन रणतुंगा, कुमार संगाकारा और अन्य क्रिकेटरों ने ट्वीट कर देश के आर्थिक संकट पर चिंता जताई है।