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क्या विराट कोहली वर्ल्ड कप 2019 तक कप्तानी बचा पाएंगे?

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शराफत खान

विराट कोहली पर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के तौर पर यह बड़ी जिम्मेदारी है कि वे महेंद्र सिंह धोनी की विरासत को आगे बढ़ाएं और भारतीय क्रिकेट को नए मुकाम पर पहुंचाएं। भारतीय क्रिकेट के कर्ताधर्ता बड़े निर्णय भी कोहली को केंद्र में रखकर ही ले रहे हैं। कोहली कुंबले का ताज़ा प्रकरण इसका उदाहरण भी है। भारतीय क्रिकेट को संचालित करने वाला तंत्र यह मानकर चल रहा है कि 2019 के वर्ल्ड कप में कोहली ही टीम के कप्तान होंगे इसलिए उन्हें हर तरह का सहयोग किया जा रहा है। लेकिन क्या 2019 के पहले सीन बदल जाएगा?
 
कोहली की कप्तानी में अब तक भारतीय टीम ने अपनी ही सरज़मीं पर सफलता हासिल की है, लेकिन आने वाले समय में टीम को इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे मुश्किल दौरे करने हैं, जहां कोहली का असली टेस्ट होगा। बतौर बल्लेबाज कोहली साबित हैं, किसी को कोई शक नहीं, यह टेस्ट कप्तानी का होगा।

पिछले कुछ महीनों में कोहली की कप्तानी की कई खामियां सामने आई हैं, लेकिन बड़े खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन से टीम को अधिक नुकसान नहीं हुआ है और कप्तानी विश्लेषण में भी कोहली की जल्दबाज़ी को उनके सीखने की प्रवृत्ति से जोड़कर इस बात को दरगुज़र किया जाता रहा है कि कोहली बतौर कप्तान फील्ड में कैसे थे?

चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल की हार के विश्लेषण में भी कोहली की कप्तानी और उनके पहले गेंदबाजी करने के फैसले का ज्यादातर बचाव ही किया गया है। विंडीज़ दौरे पर भी चौथे वनडे में टीम 190 रनों का लक्ष्य नहीं पा सकी। ये सभी बातें अभी गिनी जा रही हैं और अगर कोहली ने अपनी कप्तानी से टीम के प्रदर्शन में फर्क पैदा नहीं किया तो साल 2019 अभी बहुत दूर है, उससे कहीं पहले कोहली को सवालों का सामना करना पड़ सकता है।

भारतीय टीम बेहद मजबूत टीम है और कोई भी एक या दो बड़े खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से मैच आसान बना देते हैं। ऐसे मैचों में कप्तान जीत इंजॉय करता है। महेंद्र सिंह धोनी, सौरव गांगुली इसलिए महान कप्तानों में शुमार किए जाते हैं, क्योंकि उन्होंने कई हारे हुए मैच अपनी टीम को जिताए हैं। कोहली को अभी यह करके बताना है कि वे मैच के नाजुक पलों में कप्तानी का भार उठा सकते हैं और बजाय साथी खिलाड़ियों पर गुस्सा दिखाने और अंपायर से बहस करने के वे खेल को अपने दिमाग से बदल सकते हैं। महेंद्र सिंह धोनी से वे बहुत कुछ अब भी सीख सकते हैं, वरना अगर यही आलम रहा तो कोहली के खिलाफ आवाज़ें उठने लगेंगी और हो सकता है कि वर्ल्ड कप 2019 में टीम की कमान कोहली के हाथों में न हो।

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