अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट संघ (आईसीसी) ने अल्टीमेट टेस्ट सीरीज का चुनाव करते हुए ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेली गई बॉर्डर-गावस्कर सीरीज का चुनाव किया है। आईसीसी ने इसका चयन ऑनलाइन वोटिंग प्रक्रिया के आधार पर किया। याद दिला दें कि, बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में टीम इंडिया ने नायाब प्रदर्शन करते हुए कंगारू टीम को 2-1 से हराया था।
आईसीसी के अनुसार इसके लिए 16 टेस्ट सीरीज के बीच मुकाबला हुआ था और ऑनलाइन वोटिंग प्रक्रिया हुई। ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच हुई टेस्ट श्रृंखला को सबसे अधिक वोट मिले और इसे अल्टीमेट टेस्ट सीरीज के अवार्ड के लिए चुना गया।
खेली गयी थी यादगार टेस्ट सीरीज
ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेली गयी चार मैचों की बॉर्डर गावस्कर श्रृंखला में टीम इंडिया ने सभी को हैरान करते हुए यादगार प्रदर्शन किया था। टेस्ट सीरीज के शुरू होने से पहले भारतीय टीम को कमजोर आँका जा रहा था, क्योंकि टीम के कप्तान विराट कोहली पहले टेस्ट के बाद बाकि के तीन मैचों का हिस्सा नहीं होने वाले थे।
कोहली की गैरमौजूदगी के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया टीम में भी स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर की भी वापसी हो चुकी थी और टीम का गेंदबाजी आक्रमण तो पहले ही खतरनाक था। क्रिकेट एक्सपर्ट्स के साथ-साथ कई दिग्गजों ने भी टीम इंडिया पर दांव लगाने से मना कर दियाथा।
पहले टेस्ट में मिली थी करारी हार
इस टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला एडिलेड के मैदान पर खेला गया था और पहले ही मैच में टीम को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले
बल्लेबाजी करने का फैसला किया था और पहली पारी में टीम ने कप्तान कोहली के (74) रनों की बदौलत 244 का स्कोर बनाया था। ऑस्ट्रेलिया के लिए मिचेल स्टार्क चार और पैट कमिंस तीन विकेट लेने में सफल रहे थे।
ऑस्ट्रेलिया की टीम भी पहली पारी में कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी थी और अश्विन के चार विकेट के सामने 191 पर ढेर हो गयी थी। टीम इंडिया को पहली पारी में 53 रनों की बढ़त मिली थी और टीम को जीत के लिए फेवरेट माना जाने लगा, मगर पिक्चर अभी बाकिथी.... दूसरी पारी में भारत सिर्फ 36 के स्कोर पर ढेर हो गया और पूरा क्रिकेट जगत मानो दंग रह गया।
ऑस्ट्रेलिया को जीतने के लिए 90 रनों का लक्ष्य मिला था और टीम ने यह लक्ष्य एकविकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया और श्रृंखला में 1-0 की अहम बढ़त बनाई।
कोहली के जाने से रहाणे को मिली कप्तानी
एडिलेड टेस्ट में मिली हार के बाद विराट कोहली अपने बच्चे के जन्म के लिए भारत आ गये और अजिंक्य रहाणे ने कप्तानी का जिम्मा संभाला। दूसरा मुकाबला मेलबर्न में खेला गया और टीम इंडिया ने मुकाबला जीतकर जोरदार पलटवार किया। ऑस्ट्रेलिया की टीम पहली पारी में 195 रनों पर ऑलआउट हो गयी और जवाब में टीम इंडिया ने रहाणे (112) के दमदार शतक के दम पर पहली पारी में 326 के स्कोर बनाया।
ऑस्ट्रेलिया के ऊपर 131 रनों की लीड थी और टीम दूसरी पारी में 200 रन बनाने में कामयाब हुई और भारत को सीरीज में वापसी करने के लिए 70 रनों का लक्ष्य मिला। टीम ने इस लक्ष्य को 15.5 ओवर के खेल में सिर्फ दो विकेट खोकर हासिल कर लिया और सीरीज 1-1 की बराबरी पर आ खड़ी हुई।
जब ड्रॉ के बाद भी टीम इंडिया की हुई जय-जय कार
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट, सिडनी के मैदान पर खेला गया और मैच के रोमांच का स्तर बस देखने वाला ही बयां कर सकता है। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में स्टीव स्मिथ के शानदार (131) रनों के बदौलत 338 रनों का स्कोर बनाया और टीम इंडिया पहली पारी में 244 रन ही बना सकी। ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 94 रनों की बढ़त मिली और टीम ने दूसरी पारी में 312/6 का स्कोर बनाया।
भारत के सामने अब सिडनी टेस्ट जीतने के लिए 407 रनों का लक्ष्य था और एक समय टीम का स्कोर 272/5 था। टीम को 270 के पार पहुंचने का काम ऋषभ पंत की शानदार 97 रनों की पारी ने किया। मगर मैच के असली हीरो हनुमा विहारी और आर अश्विन रहे, क्योंकि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई पेसर्स की आग उगलती हुई गेंदों को कभी बल्ले से खेला, तो कभी शरीर पर खाया, मगर दृढ़ निश्चय के साथ दोनों खिलाड़ी मैदान पर डटे रहे. विहारी ने 161 गेंदों पर नाबाद 23 और अश्विन ने 128 गेंदों पर नाबाद 39 का स्कोर किया और टीम के लिए मैच बचाया। दोनों ही खिलाड़ी इस मैच में चोटिल हो गए और आखिरी मैच के लिए अनुपलब्ध हो गए।
टीम इंडिया के जज्बे को सलाम
अब सीरीज निर्याणक मोड़ पर आ पहुंची थी और अंतिम मैच के समय टीम के कई मुख्य खिलाड़ी चोटिल होने के चलते सीरीज से बाहर हो चुके थे। लेकिन टीम इंडिया ने हार नहीं मानी और इतिहास रचकर ही दम लिया। गाबा में ऑस्ट्रेलिया का स्वर्णिम इतिहास था, क्योंकि उन्होंने इस मैदान पर 1988 के बाद हार की शक्ल नहीं देखी थी। मैच में मेजबान टीम ने पहले बल्लेबाज करते हुए मार्नस लाबुशेन (108) के शतक के दम 369 रन बोर्ड पर लगाए। टीम इंडिया ने भी हार नहीं मानी और पहली पारी में 336 का स्कोर बोर्ड पर लगाया।
ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 33 रनों की बढ़त बनाने में सफल रहा और दूसरी पारी में टीम ने 294 का स्कोर बनाया। भारत के सामने 328 रनों का लक्ष्य था और टीम के पास सिर्फ चार सेशन बचे हुए थे। ऐसे में रहाणे एंड कंपनी को जीत तक पहुंचाने का काम ऋषभ पंत, चेतेश्वर पुजारा और युवा खिलाड़ियों ने किया।
भारत ने गाबा के मैदान पर 328 रनों के लक्ष्य को चेज करके इतिहास बना दिया। टीम की जीत में ऋषभ पंत ने नाबाद मैच जिताऊ 89 रनों की पारी खेली जबकि शुभमन गिल के बल्ले से भी 91 की मैच बनाने वाली पारी निकली। मैच में पुजारा ने भी अपने शरीर पर कई गेंदों का वार झेलते हुए 211 गेंदों पर 56 रनों की साहसी पारी खेली।
लगातार दूसरी बार बने विजेता
ब्रिस्बेन टेस्ट में मिली तीन विकेट की जीत के साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 2-1 से हरा दिया। इससे पहले साल 2018-19 में भी भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसकी ही सरजमीं पर 2-1 से हराया था। इस तरह टीम इंडिया ने अपने पास ट्रॉफी को बरकरार रखा।