क्या जारी रहेगा बैजबॉल रवैया? इंग्लैंड के कोच और कप्तान ने दिए यह जवाब
मैकुलम और स्टोक्स ने स्वीकार किया कि ‘बैजबॉल’ में सुधार की जरूरत
भारत के खिलाफ अति आक्रामक रवैया काम नहीं आने के बाद इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैकुलम ने स्वीकार किया कि टीम की बहुचर्चित बैजबॉल शैली में कुछ बदलाव की जरूरत है।इंग्लैंड ने पांच मैचों की श्रृंखला का आगाज हैदराबाद में पहला टेस्ट जीतकर किया था लेकिन भारत ने बाकी चारों टेस्ट जीतकर श्रृंखला 4 . 1 से अपने नाम की।
मैकुलम ने ब्रिटिश मीडिया से कहा , जिस तरह से हमारी कमजोरियां इस श्रृंखला में उजागर हुई है , हमें गहन आत्ममंथन करना होगा और शैली में कुछ बदलाव करने होंगे।उन्होंने कहा , भारतीय टीम ने हम पर दबाव बनाया और हम कमजोर साबित होते चले गए । गेंद से, बल्ले से , खेल के हर विभाग में उन्होंने हमें दबाव में ला दिया।
अति आक्रामक खेल के बैजबॉल दौर में इंग्लैंड ने यह पहली श्रृंखला गंवाई है। बेन स्टोक्स और उनकी टीम पिछली तीन श्रृंखलाओं में जीत दर्ज नहीं कर सकी है जिससे बैजबॉल पर सवाल उठने लगे हैं।मैकुलम ने कहा , अगले कुछ महीने में हम इस पर काम करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि अगले सत्र में जब मैदान पर लौटें तो इससे बेहतर प्रदर्शन हो। भारत ने हमें उस तरह से खेलने ही नहीं दिया, जैसा हम खेलना चाहते थे। हमें अपनी शैली की समीक्षा करके सुधार करना होगा।
बैजबॉल शैली से नहीं बल्कि भारत के युवा जोश से हारे: स्टोक्स
बैजबॉल शैली को लेकर भारत में आलोचना का शिकार बनी इंग्लैंड टीम के कप्तान बेन स्टोक्स ने कहा कि युवा खिलाड़ियों से सजी भारतीय टीम ने घरेलू परिस्थितियों में शानदार प्रदर्शन किया और उसका सामना हमारे खिलाड़ी नहीं कर सके।
भारत के खिलाफ 1-4 से श्रृखंला गंवाने के बाद स्टोक्स ने कहा “ यह सच है कि बैजबॉल शैली भारतीय पिचों पर कारगर साबित नहीं हो सकी मगर टीम की हार का कारक यह कतई नहीं था। भारत ने हमेशा मुश्किल परिस्थितियों से निकलने का रास्ता ढूंढ लिया जिससे वह अपनी घरेलू परिस्थितियों में धाकड़ बना रहा।”
उन्होने कहा “ हमने काफी युवा खिलाड़ियों को खेलते हुए देखा जिन्होंने भारत के लिए बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। पहले मैच के बाद से भारतीय टीम काफी शानदार रही। 4-1 की जीत से यह साफ दिखता है।
स्टोक्स ने कहा “ मैं बहुत निराश हूं, खुद के लिए ही बल्कि टीम के लिए क्योंकि इस दौरे के लिए हमने कितनी मेहनत की थी। हम यहां काफी उम्मीदें लेकर आये थे और हमें पूरा भरोसा था कि हम इन्हें पूरा भी कर सकते हैं जिसके लिए हमने अच्छी शुरूआत भी की लेकिन श्रृंखला 1-4 से गंवाने के बाद मैं ही नहीं बल्कि पूरी टीम कहेगी कि हम अंतिम चार मैच में पूरी तरह विफल रहे।
उन्होने कहा “ विफलता खेल में टीमों के लिए बेहतरीन शिक्षक है। आप विफलता और निराशा को हावी होने दे सकते हो लेकिन आप विफलताओं से सीखते हो और सुनिश्चित करते हो कि आपका उत्साह कम नहीं हो।”