एक और दिल थाम देने वाले मुकाबले में बांग्लादेश ने भारत को 5 रनों से हराकर वनडे सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त प्राप्त कर ली। भारत के सामने जीत के लिए बांग्लादेश ने 272 रनों का लक्ष्य रखा था।बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी का फैसला करते हुए सात विकेट पर 271 रन का मजबूत स्कोर बनाया। इसके जवाब में भारतीय टीम 9 विकेट पर 266 रन ही बना पाई।
भारत ने शुरुआती झटकों के बाद श्रेयस अय्यर और अक्षर पटेल ने वापसी कराई लेकिन इनके आउट होने के बाद जरूरी रन रेट काफी बढ़ गया। अंत में टूटे अंगूठे के साथ उतरे रोहित शर्मा ने जीत की आस जगाई लेकिन यह नाकाफी साबित हुआ। रोहित शर्मा ने 27 गेंदो में 51 रन बनाए।
करीब 7 साल बाद भारत फिर से बांग्लादेश की धरती पर वनडे सीरीज हारा है।इससे पहले धोनी की कप्तानी में साल 2015 में भारत बांग्लादेश के खिलाफ मशरफे मुर्तजा की कप्तानी में सीरीज हारा था।
रोहित की चोट से पूरा बल्लेबाजी क्रम बिगड़ा
बंगलादेश ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करते हुए 69 रन पर छह विकेट गंवा दिये थे, लेकिन महमूदुल्लाह-मिराज़ की जोड़ी ने सातवें विकेट के लिये 148 रन की साझेदारी करके टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 207 रन पर सात विकेट गंवा दिये, जिसके बाद कप्तान रोहित शर्मा अंगूठे की चोट पर पट्टी बांधकर बल्लेबाजी करने उतरे। भारत को चार ओवरों में 41 रन चाहिये थे और बंगलादेश ने अगले दो ओवरों में सिर्फ एक रन देकर विपक्षी टीम की मुश्किलें बढ़ा दीं। रोहित ने अगली 12 गेंदों पर दो चौकों और तीन छक्कों के साथ 34 रन जोड़े लेकिन भारत लक्ष्य तक नहीं पहुंच सका। रोहित ने अपनी जुझारू पारी में 28 गेंदों पर तीन चौकों और पांच छक्कों के साथ 51 रन बनाये। इसके अलावा श्रेयस अय्यर ने 102 गेंदों पर छह चौकों और तीन छक्कों के साथ 82 रन का योगदान दिया, जबकि अक्षर पटेल ने 56 गेंदों पर दो चौकों और तीन छक्कों के साथ 56 रन की पारी खेली।बंगलादेश ने भारत के खिलाफ दूसरी बार एकदिवसीय शृंखला जीती है।
रोहित ने भले ही जीत की ओर भारत का कदम बढ़ाया हो लेकिन उनकी चोट के कारण पूरा बल्लेबाजी क्रम बदल गया। केएल राहुल ने खुद को सलामी बल्लेबाजी ना करवा कर विराट कोहली को करीब 8 साल बाद सलामी बल्लेबाजी करने को कहा। नतीजा यह हुआ कि कोहली 5 रनों पर बोल्ड हो गए और केएल राहुल भी 14 रन ही बना पाए।
कोहली, शिखर राहुल ने फिर किया निराश
भारत ने 272 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए निराशाजनक शुरुआत की। अंगूठे की चोट के कारण पहली पारी में मैदान से बाहर गये रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में विराट कोहली (पांच) और शिखर धवन (आठ) पारी की शुरुआत करने उतरे, लेकिन दोनों में से कोई भी दहाई के आंकड़े को नहीं छू सका।
इसके बाद अय्यर ने भारतीय पारी को संभाला, जबकि वाशिंगटन सुंदर (11) और लोकेश राहुल (14) विकेट पर पांव जमाने के बाद पवेलियन लौट गये। भारत के चार विकेट 65 रन पर गिरने के बाद छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे अक्षर ने आक्रामक तरीके से खेलते हुए अय्यर के साथ 107 रन की शतकीय साझेदारी की। इस साझेदारी की बदौलत भारत की जीत आसान लग रही थी लेकिन मिराज़ ने अय्यर को आउट करते हुए टीम पर दबाव बनाया, जबकि इबादत हुसैन ने अक्षर का विकेट लेकर भारत की चिंताएं बढ़ा दीं।
शार्दुल ठाकुर के रूप में भारत का सातवां विकेट गिरने के बाद कप्तान रोहित अंगूठे पर पट्टी बांधे हुए बल्लेबाजी करने उतरे। भारत को आखिरी चार ओवरों में 41 रन चाहिये थे। महमूदुल्लाह ने 47वें ओवर में सिर्फ एक रन दिया, जबकि मुस्ताफ़िज़ुर रहमान ने 48वां ओवर मेडेन फेंका।
रोहित ने टीम को मैच में वापस लाने का प्रयास करते हुए 49वें ओवर में 20 रन बटोरे। भारत को आखिरी दो गेंदों पर 12 रनों की दरकार थी। रोहित ने पहली गेेंद पर छक्का लगाया लेकिन मुस्ताफिज़ुर ने मैच की आखिरी गेंद डॉट फेंककर बंगलादेश को जीत दिलाई।
मुस्ताफिज़ुर ने अपने शानदार 10 ओवरों में 43 रन देकर एक विकेट लिया। इसके अलावा इबादत हुसैन ने 10 ओवर में 45 रन देकर तीन विकेट लिये, जबकि शाकिब अल हसन ने 10 ओवर में 39 रन देकर दो सफलतायें हासिल कीं। इसके अलावा मेहदी हसन ने दो विकेट लिये, जबकि महमूदुल्लाह को एक विकेट हासिल हुआ।
69 पर 6 विकेट गिराने के बाद गेंदबाजों ने 202 रन लुटाए
इससे पूर्व, भारत ने टॉस हारकर गेंद से अच्छी शुरुआत की। दीपक चाहर ने जहां अपनी स्विंग गेंदबाजी से बल्लेबाजों को संशय में रखा, वहीं मोहम्मद सिराज ने अनामुल हक़ (11) और लिटन दास (सात) को छोटे स्कोर पर पवेलियन भेज दिया। नजमुल हसन शान्तो तीन चौकों के साथ 21 रन बनाकर लय में दिख रहे थे लेकिन उमरान मलिक ने उन्हें 151 किमी/घंटा की रफ्तार से गेंद फेंककर बोल्ड किया।
पहला पावरप्ले खत्म होने के बाद कप्तान लोकेश राहुल ने वाशिंगटन सुंदर को गेंद सौंपी। सुंदर ने शाकिब अल हसन, मुश्फिकुर रहीम और अफीफ हुसैन को आउट किया, जिससे बंगलादेश 69/6 के स्कोर के साथ संकट में पहुंच गयी।
महमूदुल्लाह और मिराज़ ने यहां से बंगलादेश की पारी संंभाली और उन्हें 200 रन के स्कोर के पार पहुंचाया। महमूदुल्लाह ने शुरुआत में धीमी बल्लेबाजी की जबकि मिराज़ ने विस्फोटक बल्लेबाजी की। शतकीय साझेदारी होने के बाद महमूदुल्लाह ने भी हाथ खोले, हालांकि वह 96 गेंदों पर सात चौकों के साथ 77 रन बनाकर उमरान का शिकार हो गये। उन्होंने आउट होने से पहले मिराज़ के साथ 148 रन जोड़े, जो एकदिवसीय क्रिकेट में भारत के खिलाफ सातवें विकेट के लिये सबसे बड़ी साझेदारी है।
नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे नासम अहमद ने भी विस्फोटक बल्लेबाजी की और मिराज़ के साथ आठवें विकेट के लिये 23 गेंदों पर 54 रन की साझेदारी कर बंगलादेश को 271/7 के स्कोर तक पहुंचाया। नासम ने 11 गेंदों पर दो चौकों और एक छक्के के साथ नाबाद 18 रन बनाये, जबकि पारी की आखिरी गेंद पर अपना शतक पूरा करने वाले मिराज़ ने 83 गेंदों पर आठ चौकों और चार छक्कों के साथ 100 रन बनाये।
भारत के लिये सुंदर ने 10 ओवर में 37 रन देकर तीन विकेट लिये, जबकि उमरान मलिक ने 10 ओवर में 58 रन के बदले दो विकेट निकाले। मोहम्मद सिराज ने भी दो विकेट अपने नाम किये, हालांकि वह 10 ओवर में 73 रन देकर महंगे साबित हुए।