नई दिल्ली। टेस्ट क्रिकेट में 300 विकेट सबसे तेजी से पूरा करने वाले गेंदबाज बने आर अश्विन को बधाई देते हुए महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने कहा कि इस समय यह भारतीय ऑफ स्पिनर दुनिया का सर्वश्रेष्ठ फिरकी गेंदबाज है।
अश्विन ने श्रीलंका के खिलाफ नागपुर में दूसरे टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलिया के डेनिस लिली का रिकॉर्ड तोड़कर 54 टेस्ट में 300 विकेट पूरे किए। लिली ने 1981 में 56 टेस्ट में यह आंकड़ा छुआ था। श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन ने 58 टेस्ट में 300 विकेट पूरे किए थे लेकिन वह सबसे तेजी से 400, 500, 600, 700 टेस्ट विकेट तक पहुंचे और 800 टेस्ट विकेट लेने वाले दुनिया के इकलौते गेंदबाज हैं।
मुरलीधरन ने एक साक्षात्कार में कहा कि मैं अश्विन को बधाई देना चाहता हूं। टेस्ट क्रिकेट में 300 विकेट लेना बड़ी उपलब्धि है। वह वनडे टीम में नहीं है लेकिन उम्मीद है कि भारत के लिए वनडे क्रिकेट भी लगातार खेलकर उसमें भी इस प्रदर्शन को दोहरायेगा। अश्विन ने 54 टेस्ट में 300 और 111 वनडे में 150 विकेट लिए हैं। निश्चित तौर पर इस समय वह दुनिया का सर्वश्रेष्ठ स्पिनर है।
यह पूछने पर कि क्या उन्हें लगता है कि वह उनका रिकार्ड तोड़ सकेगा, मुरलीधरन ने कहा कि अभी उसके सामने लंबा कैरियर है और वह कई रिकार्ड बनाएगा। उन्होंने कहा कि वह अभी 31-32 साल का ही है और कम से कम चार पांच साल और खेलेगा। वैसे यह इस पर भी निर्भर होगा कि वह कैसा प्रदर्शन करता है और फिटनेस का स्तर क्या रहता है? यह समय ही बताएगा क्योंकि 35 साल के बाद बहुत आसान नहीं होता।
भारत और श्रीलंका के बीच अत्यधिक क्रिकेट के बारे में पूछने पर मुरलीधरन ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि दोनों एशियाई प्रतिद्वंद्वियों में अधिक द्विपक्षीय श्रृंखलाएं हो रही है। कुछ समय पहले भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा था कि इस बारे में तय करने का फैसला दर्शकों पर छोड़ देना चाहिए क्योंकि खेल से दर्शकों को भागने से बचाना होगा।
मुरलीधरन ने मजाकिया लहजे में कहा कि हमने लंबे समय से एक दूसरे के खिलाफ खेला नहीं था। विराट हर मैच जीतकर शायद बोर हो गया है इसलिए उसने ऐसा कहा। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि भारतीय टीम एक जमाने में अपराजेय हुई ऑस्ट्रेलियाई टीम की तरह होती जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत बेहतरीन टीम है और मैं उसका बहुत सम्मान करता हूं। आप उससे जीत का श्रेय यह कहकर नहीं छीन सकते कि श्रीलंकाई टीम कमजोर थी। भारत हर प्रारूप में अच्छा खेल रहा है।
मुरलीधरन ने कहा कि श्रीलंकाई क्रिकेट के मौजूदा स्तर को देखकर वह काफी चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि दो तीन साल पहले ही खतरे की घंटी बज गई थी। आप कुछ मैच हारते हैं लेकिन यह टीम लगातार हार ही रही है जो चिंता का सबब है। इसके अलावा युवा खिलाड़ी नहीं मिल रहे और उनमें देश के लिए उस तरह खेलने का जज्बा नहीं है जो पिछले दौर के खिलाड़ियों में हुआ करता था। मैं इससे बहुत चिंतित हूं।’ (भाषा)