अगर लीड्स मे खेली गई 91 रनों की पारी को भुला दिया जाए तो चेतेश्वर पुजारा के लिए यह सीरीज भूलने लायक रही है। खासकर पहली पारी में वह हमेशा संघर्ष करते हुए दिखे है क्योंकि उनके सामने जेम्स एंडरसन गेंदबाजी करते हुए नजर आते हैं।
इस सीरीज में खेले गए चारों टेस्ट में जेम्स एंडरसन ने उन्हें सस्ते में निपटाया है। नॉटिंघम में 4 रन, लॉर्ड्स में 9 रन, इसके बाद लीड्स में 1 रन तो आज ओवल पर 4 रनों पर उन्हें एंडरसन ने आउट किया।
इसका एक कारण यह भी है कि विकेट जल्दी गिर जाने के कारण नई गेंद से उन्हें एंडरसन का सामना करना पड़ रहा है। इससे या तो आउटस्विंगर गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर या फिर स्लिप्स में तैनात फील्डर के हाथों में पहुंच जाती है या तो फिर इनस्विंगर पर वह एलबीडब्ल्यू हो जाते हैं।
पुजारा को एक बार फिर अपना शिकार बनाकर जेम्स एंडरसन ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक 11 बार पवैलियन लौटाया। पुजारा 10 बार ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर नेथन लॉयन का शिकार बन चुके हैं।
इसके बाद वह ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों के काफी शिकार बने हैं। नंबर 1 टेस्ट गेंदबाज पैट कमिंस ने उनको 7 बार टेस्ट मैचों में आउट किया है। वहीं जोश हेजलवुड ने 6 बार उनका विकेट लिया है।
आपको जानकार आश्चर्य होगा कि कभी 888 की करियर बेस्ट रैंकिंग पा चुके चेतेश्वर पुजारा अब आईसीसी टेस्ट बल्लेबाजों की रैंकिंग में 15वें पायदान पर हैं।
वह तो भला हो लीड्स पर खेली गई उनकी पारी का जिससे वह 18वें से 15वीं रैंक तक आ गए। अगर उनके बल्ले से यह पारी ना आती तो वह टॉप 20 रैंकिंग से भी बाहर हो जाते।
कोहली के साथ साथ पुजारा भी लंबे अर्से से अपने बल्ले से टेस्ट शतक खोज रहे हैं और बल्ला है कि रूठा पड़ा है। चेतेश्वर पुजारा ने आखिरी बार अपने बल्ले से शतक साल 2019 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जड़ा था। इस शतक को वह दोहरे शतक में तब्दील करने से चूक गए थे। (वेबदुनिया डेस्क)