1992 विश्व कप : चैंपियन पर भारी थी भारतीय टीम

Webdunia
गुरुवार, 15 जनवरी 2015 (15:31 IST)
वेबदुनिया डेस्क  
वर्ल्ड कप 2015  ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले यहां 1992 का वर्ल्ड कप खेला गया था, जिसे पाकिस्तान ने जीता था। भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में आयोजित वर्ल्ड कप 1992 निराशाजनक रहा और भारतीय टीम सेमीफाइनल में जगह नहीं बना सकी। 
 
2015 और  1992 के वर्ल्ड कप में भारत के लिहाज से यह समान बात है कि 1992 में भी भारतीय टीम वर्ल्ड कप से पहले ऑस्ट्रेलिया के लंबे दौरे पर थी और टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए इसी लंबे दौरे की थकान को कारण बताया गया था।आइए नजर डालते हैं कि वर्ल्ड कप 1992 में भारतीय टीम का प्रदर्शन कैसा था और उसके लिए एकमात्र खुशी की बात क्या थी। 
 
वर्ल्ड कप 1992 में भारतीय टीम मोहम्मद अजहारुद्दीन की कप्तानी में उतरी। इस वर्ल्ड कप के इतने सालों बाद यह याद करना सुखद है कि यह सचिन तेंदुलकर का पहला वर्ल्ड कप था। 
भारतीय टीम का वर्ल्ड कप 1992 का सफर....अगले पन्ने पर। 

1992 में वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले भारतीय टीम ने चार महीने लंबा ऑस्ट्रेलियाई दौरा किया था। इसे  भारत के लिहाज से वर्ल्ड कप की अच्छी तैयारी माना जा रहा था, लेकिन भारतीय टीम वर्ल्ड कप  1992 में आशानुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाई। 
 
भारत का पहला मैच इंग्लैंड से पर्थ में हुआ और इस रोमांचक मुकाबले में भारतीय टीम 237 रनों के  स्कोर का पीछा करते हुए नौ रनों से हार गई। 
 
भारत के लिए यह टूर्नामेंट की अच्छी शुरुआत तो नहीं थी, लेकिन टीम ने जिस तरह से इंग्लैंड का  मुकालबा किया, आने वाले मैचों में कुछ उम्मीदें बंधी। भारतीय टीम का अगला मैच श्रीलंका के खिलाफ  था, लेकिन बारिश में यह मैच धुल गया और भारत और श्रीलंका को एक एक अंक मिला।  
 
इसके बाद भारत ने अपना मैच तत्कालीन चैंपियन ऑस्ट्रेलियरा के खिलाफ ब्रिसबेन में खेला। यह मैच  रोमांच की इंतहा पार कर गया और भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों ने इस  मैच के रोमांच का मजा लिया। 
 
ऑस्ट्रेलिया ने पहले खेलते हुए 50 ओवरों में 237/9 का स्कोर बनाया। जवाब में भारत ने कप्तान  अजहारुद्दीन के 93 रनों की बदौलत मैच लगभग जीत लिया था, लेकिन लगातार दो रन आउट (मनोज  प्रभाकर और राजू) के कारण भारत यह मैच एक रन से यह मैच हार गया। 
 
भारत के लिए अगला मैच बेहद महत्वपूर्ण था जो सिडनी में पाकिस्तान के खिलाफ खेला गया। भारत ने  यहां वर्ल्ड कप 1992 की पहली जीत हासिल की। पहले खेलते हुए भारत ने  216/7 का स्कोर बनाया  और पाकिस्तान को 173 रनों पर ऑल आउट कर दिया। 
 
यह मैच इसके परिणाम से अधिक जावेद मियांदाद और किरण मोरे की मजाकिया झड़प के लिए याद  किया जाता है। 
 
भारत का अगला मैच हेमिल्टन में जिमबॉब्वे के खिलाफ था, जिसे उसने आसानी से जीत लिया, लेकिन  वेस्टइंडीज़ के खिलाफ भारतीय टीम महत्वपूर्ण मैच हार गई और यहीं से उसकी सेमीफाइनल में पहुंचने  की उम्मीदों को करारा झटका लगा। भारत के अगले दो मैच न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ  थे जो उसने गंवा दिए।  
 
इस तरह भारत ने वर्ल्ड कप 1992 में आठ  में से केवल दो मैच जीते। 1992 वर्ल्ड कप में भारत के लिए सुखद बात यही रही कि उसने पाकिस्तान को हराया, जिसने बाद में यह खिताब जीता।
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