नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय की एक ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वृद्धि व मुद्रास्फीति के परिदृश्य 2021-22 में अर्थव्यवस्था के पूर्णपुनरुद्धार से भी अधिक अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जगाते हैं। वित्त मंत्रालय की मंगलवार को जारी मासिक आर्थिक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत दुनिया के लिए कोविड-19 टीके का केंद्र बन गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय बजट 2021-22 में घोषित उपायों के साथ की संरचनात्मक सुधारों और आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत नीतिगत मदद से व्यापक आधार पर समावेशी वृद्धि को ताकत मिलेगी। इनसे देश आने वाले वित्त वर्ष में मजबूत और टिकाउ वृद्धि की राह पर लौट आएगा।
रिपोर्ट में कहा गया कि वृद्धि व मुद्रास्फीति के परिदृश्य 2021-22 में पुनरुद्धार से अधिक की उम्मीद जगाते हैं। कोरोना वायरस महामारी के चलते चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.7 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है। पिछले दिनों संसद में प्रस्तुत वार्षिक आर्थिक समीक्षा में 2021-22 में वृद्धि दर 11 प्रतिशत पर पहुंच जाने की उम्मीद व्यक्त की गई है। बजट में भी वास्तविक जीडीपी में 10 से साढ़े दस प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने उत्पादन में 11.5 प्रतिशत की वृद्धि, आर्थिक सर्वेक्षण ने 11 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि और रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने 10.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया है। ऐसे में यह वित्त वर्ष पुनर्निर्माण वाला रहने वाला है। आईएमएफ ने 2022-23 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। इस तरह भारत पुन: सबसे तेज गति से वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है। (भाषा)