69 साल बाद एयर इंडिया की घर वापसी हो गई। टाटा समूह ने एयर इंडिया का अधिग्रहण कर लिया। 'महाराजा' का स्वामित्व फिर टाटा के पास चला गया।
एयर इंडिया को खरीदने के बाद टाटा देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी के स्थान पर आ गई। पिछले वर्ष 8 अक्टूबर 2021 को रतन टाटा ने एयर इंडिया की बोली जीतने की घोषणा अपने ट्वीट के जरिए की थी।
टाटा ग्रुप की टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने एयर इंडिया को खरीदने का टेंडर जीता था। टैलेस टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी की एक सब्सिडियरी है और यही टाटा के एयरलाइंस बिजनेस को चलाएगी। एयर इंडिया का स्वामित्व जीतने के लिए टैलेस की तरफ से 18 हजार करोड़ रुपए की बोली लगाई गई थी।
सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया आज से देश के प्रमुख औद्योगिक समूह टाटा संस के हवाले हो गयी है। इसके साथ ही इसमें विनिवेश की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है। वित्त मंत्रालय के तहत विनिवेश को देखने वाले विनिवेश एवं लोक संपदा प्रबंधन विभाग (दीपम) ने आज एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड (एआईएक्सएल) के शत प्रतिशत तथा एआईएसएटीएस की 50 फीसद हिस्सेदारी टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी टेलेस प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दी। इसके लिए टाटा संस ने 2700 करोड़ रुपये नकद सरकार को दिये हैं। टाटा को एयर इंडिया और उसकी सहायक कंपनी एआईएक्सएल के 15300 करोड़ रुपये ऋण भी चुकाना है। इस शेयर हस्तातंरण से पहले टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने आज सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेट की। इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्विट कर जानकारी दी।
11 अक्टूबर 2021 को टाटा की कंपनी टेलेस प्राइवेट लिमिटेड इस विनिवेश के लिए सफल बोलीकर्ता बन कर उभरी थी। शेयर खरीद सौदे पर गत 25 अक्टूबर को हस्ताक्षर किए गए थे। इसके बाद विभिन्न नियामकों की मंजूरी मिलने बाद आज इन कंपनियां का नियंत्रण टाटा के हवाले कर दिया गया।
इस अवसर टाटा संस के मानद अध्यक्ष रतन टाटा और अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन ने सरकार तथा इससे प्रक्रिया से जुड़े रहे विभिन्न विभागों को धन्यवाद दिया है।
इस अवसर पर श्री चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा समूह में एयर इंडिया को वापस लाकर वे बहुत उत्साहित हैं और इसको विश्व स्तरीय विमानन कंपनी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने एयर इंडिया के कर्मचारियों का टाटा समूह में आने पर स्वागत किया और कहा कि उनके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्साहित हैं।
उल्लेखनीय है कि टाटा संस के जेआरडी टाटा ने विमानन कंपनी की शुरूआत की थी और उस कंपनी के विमान ने 15 अक्टूबर 1932 को पहली उड़ान भरी थी। देश की आजादी के बाद इस विमानन कंपनी का राष्ट्रीयकरण कर इसका नाम एयर इंडिया कर दिया गया था।