नई दिल्ली। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने अपने पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कठिनाई बढ़ाते हुए आज आरोप लगाया कि मिस्त्री ने अपने बर्ताव से कंपनी को भारी नुकसान पहुंचाया है लिहाजा उन्हें कंपनी के निदेशक मंडल से हटाया जाए।
शेयरधारकों को मिस्त्री को हटाने के बारे में भेजे नोटिस में देश की सबसे बड़ी साफ्टवेयर निर्यातक ने कहा है कि मिस्त्री कंपनी की सबसे बड़ी शेयरधारक टाटा संस का भरोसा गंवा चुके हैं। टाटा संस 103 अरब डॉलर के टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है। नोटिस में रतन टाटा की अगुवाई वाली टाटा संस के ब्रांड के इस्तेमाल से होने वाले लाभ गिनाते हुए मिस्त्री को हटाने की सिफारिश की गई है।
मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाने के कुछ सप्ताह में ही उन्हें टीसीएस के चेयरमैन पद से भी हटा दिया गया। टाटा संस की टीसीएस में 73.26 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अब टाटा संसद ने कंपनी से शेयरधारकों की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाने को कहा है जिसमें मिस्त्री को कंपनी के निदेशक पद से हटाने पर विचार किया जाएगा।
टीसीएस के बोर्ड की पिछले सप्ताह हुई बैठक में 13 दिसंबर को असाधारण आम बैठक बुलाने का फैसला किया गया। मिस्त्री इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
ईजीएम के नोटिस में टीसीएस ने कहा, टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद मिस्त्री ने कुछ निराधार आरोप लगाए, जिससे न सिर्फ टाटा संसद और उसके निदेशक मंडल पर, बल्कि पूरे टाटा समूह पर धब्बा लगा है। टीसीएस समूह का आंतरिक हिस्सा है।
टीसीएस ने कहा कि जो बातचीत गोपनीय रखी जानी थी मिस्त्री ने उसे सार्वजनिक किया। ‘मिस्त्री के बर्ताव से टाटा समूह, टीसीएस और उसके अंशधारकों (कर्मचारियों) तथा शेयरधारकों को भारी नुकसान हुआ।’
टाटा संस द्वारा मिस्त्री के स्थान समूह पर पुराने दिग्गज इशात हुसैन टीसीएस का चेयरमैन बनाए जाने को नमक से साफ्टवेयर क्षेत्र के समूह पर अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इसमें कहा गया है कि कंपनी के निदेशक मंडल साइरस पी मिस्त्री को कंपनी के निदेशक पद से हटाए जाने के पक्ष में हैं, यह कंपनी के सर्वश्रेष्ठ हित में होगा। (भाषा)