नई दिल्ली। इन्फोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सलिल पारेख का वार्षिक वेतन 88 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी के साथ 79.75 करोड़ रुपए हो गया है। इसके साथ वह देश में सर्वाधिक वेतन पाने वाले कार्यकारियों में शामिल हो गए हैं। आईटी इंडस्ट्री में 30 साल से ज्यादा काम करने का अनुभव रखने वाले सलिल पारेख का नया कार्यकाल 1 जुलाई, 2022 से लेकर 31 मार्च, 2027 तक चलेगा।
सॉफ्टवेयर कंपनी ने सीईओ और प्रबंध निदेशक के रूप में एक जुलाई से शुरू होने वाले पारेख के दूसरे 5 साल के कार्यकाल के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगी है। इन्फोसिस ने गुरुवार को जारी कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि 58 वर्षीय पारेख ने 31 मार्च, 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में 71.02 करोड़ रुपए का वेतन लिया।
इसमें उन्हें पहले दिए गए आरएसयू (प्रतिबंधित स्टॉक इकाइयों) से मिले 52.33 करोड़ रुपए शामिल हैं। इन्फोसिस के सह-संस्थापक और चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने स्वेच्छा से कंपनी को दी गई अपनी सेवाओं के लिए कोई पारिश्रमिक नहीं लेने का विकल्प चुना। कंपनी ने शेयरधारकों को दी जानकारी में कहा कि हाल के वर्षों के दौरान उद्योग में हुई तेज वृद्धि को देखते हुए वेतन में भारी बढ़ोतरी उचित है।
इन्फोसिस ने कहा कि सलिल का प्रस्तावित कुल पारिश्रमिक, प्रतिस्पर्धी कंपनियों के सीईओ को हाल ही में दिए गए पारिश्रमिक (कंपनी के बाहरी सलाहकारों द्वारा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के विश्लेषण के आधार पर) के औसत के लगभग बराबर होगा।
इस विश्लेषण के लिए एक्सेंचर पीएलसी, कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस कॉरपोरेशन, डीएक्ससी टेक्नोलॉजी कंपनी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड, विप्रो लिमिटेड, टेक महिंद्रा, कैपजेमिनी, एचसीएल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, आईबीएम और एटोस एसई जैसी कंपनियों को शामिल किया गया।
टीसीएस के सीईओ राजेश गोपीनाथन का सालाना वेतन 25.76 करोड़ रुपए है, जबकि विप्रो के पेरिस स्थित सीईओ का वेतन 64.34 करोड़ रुपए है। एचसीएल टेक के सीईओ का वार्षिक पैकेज 32.21 करोड़ रुपए का है, जबकि टेक महिंद्रा के सीईओ को 22 करोड़ रुपए मिलते हैं।