अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया एक पैसे कमजोर होकर 83.70 (अस्थायी) के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया। जोखिमपूर्ण परिसंपत्तियों के प्रति निवेशकों का आकर्षण घटने के बीच प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से यह गिरावट आई।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में पूंजीगत लाभ कर में वृद्धि और इंडेक्सेशन लाभ को हटाने की घोषणा डॉलर की खरीद का मुख्य कारण थी, क्योंकि विदेशी निवेशकों ने स्टॉक बेच दिया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.69 प्रति डॉलर पर खुला। दिन में कारोबार के दौरान यह 83.68 के उच्चस्तर तक गया तथा 83.72 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक आया। अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले यह 83.70 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से एक पैसे की गिरावट है।
सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में पूंजीगत लाभ पर कर की दरें बढ़ाने के बाद रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तीन पैसे की गिरावट के साथ 83.69 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
इस बीच 6 प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती को परखने वाला डॉलर सूचकांक 0.05 प्रतिशत की तेजी के साथ 104.50 हो गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.79 प्रतिशत की तेजी के साथ 81.65 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयर वाला बीएसई सेंसेक्स 280.16 अंक घटकर 80,148.88 अंक पर बंद हुआ जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 65.55 अंक के नुकसान के साथ 24,413.50 अंक पर आ गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने मंगलवार को शुद्ध रूप से 2,975.31 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। भाषा