मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी एक रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि खुदरा ऋण (Retail Loan) पूरी प्रणाली के लिए ही जोखिम से भरपूर हो सकते हैं। हालांकि केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि पूरी प्रणाली के लिए यदि कोई जोखिम उत्पन्न होता भी है तो वह अपनी नीतियों के जरिए उससे निपटने में पूरी तरह सक्षम है।
आरबीआई ने 2021-22 के लिए भारत में बैंकिंग रुझान और प्रगति' के बारे में कहा कि अनुभव के आधार पर मिले साक्ष्य बताते हैं कि बड़ी संख्या में खुदरा ऋण व्यक्ति विशेष या समूह विशेष को दिए जाते हैं तो इससे पूरी व्यवस्था के लिए जोखिम पैदा होता है।
रिपोर्ट में कहा गया कि हाल के वर्षों में भारतीय बैंक एक-एक करके औद्योगिकी क्षेत्र से खुदरा ऋण का रुख कर रहे हैं और यह रुझान बैंकों के सभी समूहों में नजर आ रहा है चाहे वे बैंक राज्य के स्वामित्व वाले हों, निजी हों या फिर विदेशी। इससे पूरी प्रणाली के लिए जोखिम बढ़ता है।
रिटेल लोन क्या है? : किसी व्यक्ति द्वारा बैंकों या वित्तीय संस्थानों से व्यक्तिगत उपयोग के लिए लिया गया लोन रिटेल लोन (Retail loan) कहलाता हैं। इन ऋणों का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन, एजुकेशन लोन आदि रिटेल लोन की श्रेणी में आते हैं।
यह लोन घर बनाने, उसे रिनोवेट करने, शिक्षा के लिए या अपने किसी व्यक्तिगत कार्य को पूर्ण करने लिए होते हैं। रिटेल लोन बैंकों के लिए लंबे समय से फायदेमंद माने जाते रहे हैं। बैंक ग्राहक का क्रेडिट स्कोर देखकर रिटेल लोन देता है। इस प्रकार के लोन बैंकों के लिए लंबे समय से फायदेमंद माने जाते रहे हैं।