नई दिल्ली। खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में 15 महीने के निचले स्तर 5.66 प्रतिशत पर आ गई। मुख्य रूप से खाने का सामान सस्ता होने से महंगाई दर घटी है। मार्च में मुद्रास्फीति का आंकड़ा आरबीआई के संतोषजनक स्तर की ऊपरी सीमा 6 प्रतिशत के भीतर है। आरबीआई को मुद्रास्फीति 2 से 6 प्रतिशत के बीच रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी 2023 में 6.44 प्रतिशत और एक साल पहले मार्च में 6.95 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति मार्च में 4.79 प्रतिशत रही। यह आंकड़ा फरवरी में 5.95 प्रतिशत और एक साल पहले इसी अवधि में 7.68 प्रतिशत था।
अनाज, दूध और फलों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 में 5.7 प्रतिशत से बढ़कर फरवरी 2023 में 6.4 प्रतिशत हो गई थी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2023-24 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के 5.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है। एजेंसियां