नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को उम्मीद के अनुरूप प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर बरकरार रखा। यह लगातार 8वां मौका है जबकि केंद्रीय बैंक ने रेपो दर को यथावत रखा है।
इसके साथ केंद्रीय बैंक ने कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतों के बीच अपने मौद्रिक रुख को नरम बनाए रखने का भी फैसला किया। आईएमपीएस की सीमा को 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया गया जानिए आरबीआई की मौद्रिक नीति की 10 खास बातें...
-रिजर्व बैंक ने लगातार आठवीं बार नीतिगत दरों में नहीं किया बदलाव
-भारतीय रिजर्व बैंक ने 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर के अनुमान को 9.5 प्रतिशत पर कायम रखा।
-भारतीय रिजर्व बैंक वृद्धि के टिकाऊ आधार पर पुनरुद्धार के लिए अभी अपने नरम रुख को जारी रखेगा।
-रिजर्व बैंक ने देशभर में ऑफलाइन तरीके से खुदरा डिजिटल भुगतान की रूपरेखा का प्रस्ताव किया।
-आईएमपीएस की सीमा को 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया गया।
-मुद्रास्फीति का रुख उम्मीद से अधिक अनुकूल; आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही हैं।
-दूसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में क्षमता उपयोगिता में सुधार हुआ, आने वाली तिमाहियों में और सुधार की उम्मीद।
-खाद्यान्नों के रिकॉर्ड उत्पादन के कारण आने वाले महीने में खाद्य मुद्रास्फीति कम बने रहने की उम्मीद।
-संक्रमण की दर में कमी और टीकाकरण से निजी उपभोग को प्रोत्साहन मिल रहा है।
-रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति अब भी जटिल बनी हुई है।
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