मुंबई। रिजर्व बैंक ने विदेशी निवेश नियमों को आसान बनाते हुए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को केंद्र सरकार की तरफ से जारी ट्रेजरी बिल में निवेश की अनुमति दे दी।
हालांकि, एफपीआई को यह सुनिश्चित करना होगा कि एक साल से कम परिपक्वता अवधि वाली सरकारी प्रतिभूतियों के साथ कारपोरेट बांड में उनका निवेश 20 प्रतिशत से कम हो।
केंद्रीय बैंक ने अधिसूचना में एफपीआई से एक साल की परिपक्वता अवधि वाले ऋण प्रतिभूतियों में (सरकारी प्रतिभूति, राज्य विकास कर्ज या कंपनी बांड) में कुल निवेश छह महीने के भीतर 20 प्रतिशत से नीचे लाने को कहा।
एफपीआई के लिये निवेश नियमों में हाल में बदलाव के बारे में स्पष्टीकरण जारी करते हुए आरबीआई ने कहा, 'एफपीआई को केंद्र सरकार द्वारा जारी ट्रेजरी बिलों में निवेश की अनुमति दी जाती है।' (भाषा)