पीएम मोदी बोले, कच्चे माल का निर्यात, तैयार माल का आयात स्वीकार नहीं

narendra modi
वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 28 जनवरी 2025 (15:25 IST)
PM Modi on import and export : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वह कच्चे माल का निर्यात और तैयार उत्पादों का देश में आयात स्वीकार नहीं कर सकते। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मूल्यवर्धन देश में ही होना चाहिए।
 
भुवनेश्वर में ‘उत्कर्ष ओडिशा, मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव’ का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि वह पूर्वी भारत को देश के विकास का इंजन मानते हैं और राज्य इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि केवल कच्चे माल के निर्यात से देश का विकास संभव नहीं है। इसलिए हम पूरे परिवेश को बदल रहे हैं और नए दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे हैं।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि खनिजों को यहां निकाला जाता है और उन्हें किसी अन्य देश में निर्यात किया जाता है, जहां उनका मूल्यवर्धन किया जाता है और नए उत्पाद बनाए जाते हैं। इन तैयार उत्पादों को फिर भारत वापस भेज दिया जाता है। मोदी को यह स्वीकार्य नहीं है। करोड़ों लोगों की आकांक्षाएं भारत को विकास के पथ पर आगे बढ़ा रही हैं।
 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि ओडिशा उत्कृष्ट है और नए भारत की मौलिकता और आशावाद का प्रतिनिधित्व करता है। ओडिशा में अवसर हैं और यहां के लोगों ने बेहतर प्रदर्शन करने की भावना प्रदर्शित की है।’’
 
मोदी ने कहा कि 21वीं सदी ‘कनेक्टेड इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी’ की सदी है। भारत अभूतपूर्व गति से और व्यापक स्तर पर विशेष बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। यह भारत को निवेश के लिए एक बेहतरीन गंतव्य बनाएगा।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि आसियान देशों ने ओडिशा के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने में रुचि दिखाई है। मैं पूर्वी भारत को देश के विकास का इंजन मानता हूं और इसमें ओडिशा की महत्वपूर्ण भूमिका है। इतिहास बताता है कि जब भारत ने वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया, तो पूर्वी भारत का भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहा।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि ओडिशा बहुत जल्द विकास की उन ऊंचाइयों को छुएगा, जिसकी किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। मुझे खुशी है कि मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी का पूरा दल राज्य के विकास को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है।
 
उन्होंने कहा कि अनुसंधान एवं नवोन्मेषण समय की मांग हैं। सरकार अनुसंधान के लिए एक जीवंत परिवेश बनाने के लिए काम कर रही है और इसके लिए एक विशेष कोष भी बनाया गया है। उद्योगों को आगे आकर सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए। 
edited by : Nrapendra Gupta

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