नासिक। प्याज की कीमत के भारी गिरावट के साथ 11 रुपए किलो रह जाने के बाद नासिक की 16 थोक प्याज मंडियों में से छह मंडियां शुक्रवार को बंद रहीं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार नासिक की प्याज मंडी में इस माह के आरंभ में प्याज जो 20 रुपए किलो के हिसाब से बिक रहा था वह अब घटकर 11 रुपए किलो रह गया है।
महाराष्ट्र के अन्य थोक प्याज बाजारों में प्याज की थोक बिक्रीदर में गिरावट आई है। एशिया की सबसे बड़ी प्याज की थोक बिक्रीमंडी लासलगांव में प्याज की दर 15 रुपए किलो थी।
सहकारिता सोसायटी के उप जिला पंजीयक नीलकांत कारे ने बताया कि हमने छह मंडियों में कारोबार को बंद कर दिया है और ये अब सोमवार को खुलेंगी। बाकी की 10 मंडियां खुली हैं। प्याज की कीमतों में अचानक गिरावट आने के कारण ये मंडियां बंद हैं।
उन्होंने कहा कि प्याज की कीमतों में अचानक गुरुवार से गिरावट आना शुरु हुआ। उन्होंने कहा, 'सही कारण का अभी भी पता नहीं है। ऐसा माना जाता है कि प्याज के व्यापारियों पर आयकर के छापे की खबरों तथा प्याज के आयात में वृद्धि के भी कारण प्याज की कीमतों में गिरावट आई।'
नीलकांत कारे ने कहा कि दैनंदिन आधार पर मंडियों में प्याज की आवक करीब 20,000 टन की है। कुछ हफ्ते पहले प्याज की कीमत 25 रुपए किलो के उच्च स्तर को छू गए थे जो अब घटकर 10 से 11 रुपए किलो हो गया है।
उन्होंने कहा कि नासिक की मंडियों में मौजूदा समय में पिछले साल के भंडारित प्याजों को बेचा जा रहा है। नयी खरीफ फसल का आना अभी बाकी है।
सहकारिता सोसायटी जिले में थोक बिक्री मंडियों का विनियमन करती हैं। गौरतलब है कि प्याज की नई फसल के बेहतर होने की उम्मीदों के बावजूद देश में प्याज के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में प्याज का थोक बिक्री मूल्य पिछले एक महीने में सट्टेबाजी के कारण काफी बढ़ा है। जिसके कारण देश के अधिकांश भागों में प्याज की खुदरा कीमतें भी बढ़ गई। (भाषा)