पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें आम आदमी को परेशान कर रही हैं। फिलहाल इसमें राहत मिलने की कोई संभावना दिखाई नहीं दे रही है। इसका कारण है पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) और इसके सहयोगी देशों का ग्रुप ओपेक प्लस का एक निर्णय।
ओपेक और ओपेक प्लस ने तेल की सप्लाई में बढ़ोतरी की संभावना पर विराम लगा दिया है। इससे कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) के दाम में पिछले सत्र में 4.5 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन क्रूड ऑइल में तेजी का सिलसिला जारी है। बीते दिन दिनों में ब्रेंट क्रूड का भाव 5 डॉलर बढ़कर 67 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर चला गया।
विशेषज्ञों के मुताबिक ब्रेंट क्रूड का भाव जल्द ही 70 डॉलर प्रति बैरल को पार कर सकता है जबकि डब्ल्यूटीआई में 67 डॉलर प्रति बैरल तक का लेवल देखा जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (ICE) पर बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के मई डिलीवरी वायदा में शुक्रवार को बीते सत्र से 0.99 प्रतिशत की तेजी के साथ 67.40 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।
भारत की अपील को किया अनसुना : पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगी देशों द्वारा उत्पादन पर लागू नियंत्रण में उठाने की भारत की अपील को अनसुना कर दिए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ गए। सऊदी अरब ने भारत से कहा कि वह पिछले साल जब कच्चे तेल के दाम काफी नीचे चले गए थे उस समय खरीदे गए कच्चे तेल का इस्तेमाल कर सकता है।