मुंबई। विमान ईंधन की बढ़ी कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपए में आई गिरावट से देश की दूसरी सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 1,323 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में उसने 53.50 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफ कमाया था।
कंपनी के निदेशक मंडल की सोमवार को यहां हुई बैठक में वित्तीय परिणामों को मंजूरी दी गई। परिणामों के अनुसार 30 जून को समाप्त तिमाही में विमान ईंधन के मद में कंपनी का कुल खर्च 53.03 प्रतिशत बढ़कर 2,332.49 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। पिछले साल की समान तिमाही में इस मद में उसका खर्च 1,524.17 करोड़ रुपए था।
विमानों तथा इंजनों के किराए, कर्मचारियों के वेतन-भत्तों, पूंजी लागत आदि मदों में भी उसका खर्च बढ़ा है। उसका कुल व्यय 25.24 प्रतिशत बढ़कर 7,389.91 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। पिछले साल 30 जून को समाप्त तिमाही में कुल व्यय 5,900.42 करोड़ रुपए रहा था। आलोच्य तिमाही में कंपनी की आमदनी में मामूली वृद्धि हुई है। यह 1 साल पहले के 5,953.92 करोड़ रुपए से 1.90 प्रतिशत बढ़कर 6,066.91 करोड़ रुपए पर पहुंच गई।
डॉलर की तुलना में रुपए के कमजोर पड़ने से कंपनी को पहली तिमाही में 364.62 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इस मद में उसे 16.71 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दुबे ने परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ब्रेंट ईंधन के दाम बढ़ने, रुपए की गिरावट और ईंधन की ऊंची कीमतों और कम किराए की विसंगति से भारतीय विमानन क्षेत्र पर बेहद प्रतिकूल असर पड़ा है। हम लागत कम करने और राजस्व बढ़ाने के लिए कई उपाय कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि हम चुनौतियों से निपटने में सक्षम होंगे।
वित्तीय संकट से जूझ रही कंपनी के परिणाम पहले 9 अगस्त को घोषित होने थे, लेकिन इसकी घोषणा 27 अगस्त तक के लिए टाल दी गई थी। शेयर बाजार में पंजीकृत 3 विमान सेवा कंपनियों में यह दूसरी है जिसे पहली तिमाही में नुकसान हुआ है। किफायती विमान सेवा कंपनी स्पाइस जेट को 38.06 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, वहीं देश की सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी इंडिगो का शुद्ध मुनाफा 96.57 प्रतिशत घटकर 27.79 करोड़ रुपए रह गया।