2021-22 में 12.5 फीसदी पर पहुंच सकती है भारत की विकास दर, IMF ने अपने पूर्व के अनुमान में किया सुधार

Webdunia
मंगलवार, 6 अप्रैल 2021 (19:43 IST)
वॉशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने मंगलवार को 2021 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर तेजी से बढ़कर 12.5 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। यह वृद्धि दर चीन के मुकाबले भी अधिक होगी। हालांकि चीन एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था रहा है, जिसकी वृद्धि दर 2020 में महामारी के दौरान भी सकारात्मक रही।
ALSO READ: कोरोना की चिंता के बीच सेंसेक्स मामूली बढ़त के साथ बंद, RBI की मौद्रिक नीति पर नजर
आईएमएफ ने अपने सालाना वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में कहा कि 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत के आसपास आ जाएगी। मुद्राकोष ने विश्वबैंक के साथ होने वाली सालाना बैठक से पहले यह रिपोर्ट जारी की है।
ALSO READ: Jio ने 1,497 करोड़ रुपये में स्पेक्ट्रम खरीदने के लेकर Airtel के साथ किया करार
मुद्राकोष ने कहा कि 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकार्ड 8 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन इस साल वृद्धि दर 12.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो काफी बेहतर है।
 
वहीं चीन की वृद्धि दर 2021 में 8.6 प्रतिशत तथा 2022 में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। चीन की पिछले साल वृद्धि दर 2.3 प्रतिशत रही और वह कोविड-19 महामारी के दौरान भी सकारात्मक आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने वाला दुनिया का एकमात्र बड़ा देश रहा है।
 
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि हम वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए पूर्व के अनुमान के मुकाबले मजबूत पुनरूद्धार की उम्मीद कर रहे हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2021 में 6 प्रतिशत और 2022 में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पिछले साल यानी 2020 में विश्व अर्थव्यवस्था में 3.3 प्रतिशत की गिरावट आई।
 
उन्होंने रिपोर्ट की भूमिका में लिखा है कि हालांकि जो परिदृश्य है, उसमें पुनरुद्धार को लेकर विभिन्न देशों और देशों के भीतर जो गति है, वह अलग-अलग है। साथ ही संकट के कारण आर्थिक नुकसान को लेकर जोखिम अभी बना हुआ है। इससे हमारे सामने बड़ी चुनौतियां हैं।
 
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.3 प्रतिशत की गिरावट अक्टूबर 2020 में जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुमान की तुलना में 1.1 प्रतिशत अंक कम है। यह बताता है कि साल की दूसरी छमाही में ज्यादातर क्षेत्रों में ‘लॉकडाउन’ में ढील के बाद वृद्धि दर अनुमान से बेहतर रही है। साथ ही इससे यह भी पता चलता है कि अर्थव्यवस्था ने कामकाज के नये चलन को स्वीकार कर लिया है।
 
रिपोर्ट के अनुसार 2021 और 2022 का अनुमान अक्टूबर 2020 में विश्व आर्थिक परिदृश्य की तुलना में क्रमश: 0.8 प्रतिशत और 0.2 प्रतिशत अधिक है। यह कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में राजकोषीय समर्थन तथा टीकाकरण के साथ पुनरूद्धार में तेजी को प्रतिबिंबित करता है। इसमें कहा गया है कि मध्यम अवधि में वैश्विक वृद्धि दर कुछ नरम पड़कर 3.3 प्रतिशत रह सकती है।
 
गोपीनाथ ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और कई देशों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुनरूद्धार की गति देशों के बीच और देशों के भीतर अलग-अलग है। टीकाकरण को तेजी से क्रियान्वित नहीं करना, पर्याप्त नीतिगत समर्थन का अभाव और पर्यटन पर अधिक निर्भरता वाले देशों में यह अंतर ज्यादा है।
 
गोपीनाथ ने कहा कि नीति निर्माताओं को महामारी पूर्व स्थिति की तुलना में सीमित नीतिगत उपायों तथा उच्च कर्ज के साथ अपनी अर्थव्यवस्था को निरंतर समर्थन देने की जरूरत होगी।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

1000km दूर बैठा दुश्मन पलक झपकते तबाह, चीन-पाकिस्तान भी कांपेंगे, लैंड अटैक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

उद्धव ठाकरे की 2 दिन में 2 बार चेकिंग से गर्माई महाराष्ट्र की सियासत, EC ने कहा- शाह और नड्डा की भी हुई जांच

महाराष्ट्र में विपक्ष पर बरसे मोदी, कहा अघाड़ी का मतलब भ्रष्टाचार के सबसे बड़े खिलाड़ी

Ayushman Card : 70 साल के व्यक्ति का फ्री इलाज, क्या घर बैठे बनवा सकते हैं आयुष्मान कार्ड, कैसे चेक करें पात्रता

बोले राहुल गांधी, भाजपा ने जितना पैसा अरबपति मित्रों को दिया उससे ज्यादा हम गरीब और किसानों को देंगे

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: झारखंड में मतदान का उत्साह, पहले 2 घंटे में 13 फीसदी वोटिंग

विजयपुर उपचुनाव में वोटिंग शुरू होते ही कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी नजरबंद, कांग्रेस के कई बड़े नेता गिरफ्तार

तेलंगाना में बड़ा रेल हादसा, मालगाड़ी के 11 डिब्बे पटरी से उतरे

Petrol Diesel Prices: पेट्रोल डीजल के नए दाम जारी, जानें क्या हैं आपके नगर में भाव

Weather Update: पहाड़ों पर बर्फबारी से मैदानी भागों में बढ़ी ठंड, दिल्ली एनसीआर में कैसा है मौसम

अगला लेख
More