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#जीएसटीकादर्द : जीएसटी की पहली तिमाही फीकी, वसूली में गिरावट

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, सोमवार, 9 अक्टूबर 2017 (15:58 IST)
उत्तर प्रदेश में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू होने के पहले तीन महीनों जुलाई से सितंबर के बीच पिछले साल की तुलना में कर वसूली में 30 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। 'एक राष्ट्र एक कर' के तहत नई कर व्यवस्था 'जीएसटी' इस वर्ष एक जुलाई से पूरे देश में लागू की गई थी। 
 
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि उत्तर प्रदेश में जीएसटी लागू होने के बाद प्रथम तीन महीनों जुलाई से सितंबर के दौरान 8,169 करोड़ रुपए की वसूली हुई। पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 में इस दौरान 11,779 करोड़ रुपए की वसूली की गई थी। यह राशि पिछले वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत कम है।
 
कर विभाग के अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में इसकी पूर्ति हो जाएगी। अधिकारियों ने कहा है कि कई व्यापारियों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए नई कर व्यवस्था में दिक्कत आ रही थी। धीरे धीरे सब आसान हो जाएगा और कर में अधिक वसूली के आसार बढ़ जाएंगे। नई व्यवस्था लागू होने से शुरू में कठिनाइयां आती हैं। 
 
सूत्रों ने बताया कि व्यापारियों को जीएसटी के बारे में अधिक जानकारी के लिए कुछ समय लगेगा। उन्हे विशेषकर अनुपालन और फाइलिंग के संबंध में अभी दिक्कतें आ रही हैं। जीएसटी में प्रावधान किया गया है कि कर राजस्व कम होने पर केन्द्र सरकार अगले पांच वर्षों तक मुआवजा देगी। पेट्रोलियम और अल्कोहल उत्पादों, स्टाम्प और पंजीकरण को जीएसटी के दायरे में लाया जाना है जिससे राजस्व बढ़ेगा।
 
उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष के आखिर तक कर वसूली के लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 65 हजार करोड़ कर वसूलने का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य गत वर्ष से 27 प्रतिशत अधिक है। गत वर्ष 55 हजार करोड़ रुपए के लक्ष्य के सापेक्ष 51 हजार 290 करोड़ रुपए की वसूली हुई थी।
 
उत्तर प्रदेश की जनसंख्या सबसे अधिक है। पड़ोसी राज्यों से आयात किए जाने वाले सामानों की यहा सबसे ज्यादा मांग है। अनुमान लगाया गया था कि तीन महीने के जीएसटी लागू होने के बाद राज्य का शुद्ध लाभ बढ़ जाएगा। 
 
प्रदेश में आर्थिक रूप कमजोर तथा मध्यवर्गीय लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सामानों में गिरावट आई है। वाणिज्यिक कर विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि जीएसटी के तहत कर 81 प्रतिशत सामानों में लगने वाला कर मात्र पांच से 12 प्रतिशत है। बाकी के 19 प्रतिशत उत्पादों जैसे तंबाकू, सिगरेट, लक्जरी वाहन और अन्य विलासिता के सामान 28 प्रतिशत स्लैब में आते हैं। 
 
जीएसटी परिषद ने केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में जीएसटी की दरों को उदार बनाने का फैसला किया है। इसके लिए छोटे दुकानदार, व्यापारी और छोटे व्यवसायी लंबे समय से जीएसटी में सुधार किए जाने की मांग कर रहे थे। 
 
स्वतंत्रता के बाद से जीएसटी को देश के कराधान संरचना में सबसे बड़ा फेरबदल माना जा रहा है। एक राष्ट्र के सिद्धांत के बाद, एक कर सभी मौजूदा करों को जीएसटी में शामिल किया गया है। 16 मई को, राज्य विधानसभा ने सर्वसम्मति से उत्तर प्रदेश में जीएसटी विधेयक 2017 को पारित किया गया था। (वार्ता)

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