नई दिल्ली। एक ओर देश में सोने की कीमत तेजी से बढ़ती जा रही है। 13 दिन में इसके दाम 6693 रुपए तक उछल गए। शुक्रवार को कमोडिटी बाजार में इसके दाम 55,845 पर पहुंच गए तो दूसरी तरफ RBI ने भी स्वर्ण प्रेमियों को बड़ी सौगात देते हुए सोना गिरवी रख लोन लेने की सीमा बढ़ाकर 90 प्रतिशत तक कर दी।
क्यों बढ़ रहे हैं सोने के दाम : इस साल वैश्विक बाजारों में सोने की कीमतों में 33 प्रतिशत की तेजी आई है। पुरातन काल से ही भारत में सोने में निवेश को सुरक्षित माना जाता है। प्राकृतिक आपदा, महामारी और राजनीतिक तनाव के समय अकसर लोग सोने में निवेश करना पसंद करते हैं।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कमजोर डॉलर, केंद्रीय बैंकों की ओर से प्रोत्साहन उपायों, अमेरिका चीन ट्रेड वॉर, और बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों से सोने जैसे सुरक्षित निवेश में बढ़ोतरी हुई है। कोरोना काल में सोने का ठप पड़ा आयात भी दामों में बढ़ोतरी का एक कारण है।
घटी मांग, कम हुआ आयात : भले ही सोना तेजी के मामले में रोज नए रिकॉर्ड तोड़ रहा हो पर फिलहाल बाजार में उसकी मांग भी कम ही है। पिछले साल जुलाई में 39.99 टन सोना आयात किया गया था जबकि इस वर्ष 30 टन सोना ही आयात हुआ।
सोना उधार रखकर लोन लेने वालों को क्या होगा फायदा : कोरोना काल में आर्थिक संकट झेल रहे लोग अगर अपने पास मौजूद सोना गिरवी रखकर पैसा उधार चाहते हैं तो उन्हें सोने के मूल्य का 90 प्रतिशत तक मिल सकता है। पहले गहनों पर लोन की सीमा 75 प्रतिशत ही थी। इसका फायदा उन लोगों को भी मिल सकता है, जिन्होंने फिलहाल लोन ले रखा है।
क्या है चिंता का कारण : RBI के इस फैसले से गोल्ड फाइनेंशियल कंपनियों में चिंता का माहौल दिखाई दे रहा है। सोने के दामों में अकसर भारी उतार-चढ़ाव देखा जाता है। अगर लोग इस समय गोल्ड रखकर लोन लेते हैं और बाद में सोने की कीमत गिर जाती है कंपनियों को नुकसान हो सकता है। पहले भी इस वजह से कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा था।
गोल्ड एक्सपर्ट अजय नीमा ने बताया कि अगर गिरवी रखे सोने की कीमत कम होने लगती है तो दुकानदार ग्राहक को पूछ लेता है कि सोने बेच दूं या फिर आप पैसा चुकाकर इसे वापस ले लें। वहीं गोल्ड फाइनेंशियल कंपनियों से लोन की स्थिति में अगर ग्राहक सोने की कीमत कम होने की वजह से ईएमआई नहीं भरता है तो उसका सिविल खराब हो सकता है, इससे उसे भविष्य में किसी भी तरह का लोन लेने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।