मुंबई। सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने वाले आदेश की समयसीमा को आगे बढ़ाने के सरकार के निर्णय का आभूषण उद्योग ने हालांकि स्वागत किया है लेकिन उनका मानना है कि सरकार को समयसीमा को कम से कम 1 साल आगे बढ़ाना चाहिए था ताकि मौजूदा आभूषण के स्टॉक को समाप्त किया जा सके।
कोरोनावायरस महामारी के प्रभाव को देखते हुए सरकार ने सोमवार को सोने के आभूषणों में अनिवार्य हॉलमार्किंग आदेश को लागू करने की समयसीमा को करीब 4 महीने आगे बढ़ाकर 1 जून 2021 कर दिया। हालांकि आभूषण विनिर्माता एवं विक्रेता उद्योग इससे संतुष्ट नहीं हैं और वे इस अवधि को जनवरी 2022 तक बढ़ाए जाने की मांग कर रहा है।
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के चेयरमैन अनंत पद्मनाभन ने कहा कि हम स्वर्णाभूषणों और शिल्प कृतियों की अनिवार्य रूप से हॉलमार्किंग करने की समयसीमा को बढ़ाने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन हमने इस समयसीमा को 1 साल बढ़ाने का आग्रह किया था। इस समय बिक्री काफी कम है, जब तक हम पुराने स्टॉक को निकाल नहीं देते हैं उसके स्थान पर हॉलमाकिंग वाला स्टाक नहीं आ पाएगा। इसमें समय लगेगा। विभिन्न आभूषण विक्रेताओं की संस्था के साथ मिलकर संगठन इन चिंताओं को बताते हुए एक और ज्ञापन सरकार को देगा।
सरकार ने सोने के आभूषणों में अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू करने की समयसीमा को 15 जनवरी 2021 से बढ़ाकर 1 जून 2021 कर दिया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को बताया कि यह निर्णय आभूषण विक्रेताओं के आग्रह पर लिया गया है। उन्होंने कहा कि अगले साल 1 जून से आभूषण विक्रेताओं को केवल 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषण बेचने की ही अनुमति होगी। वर्तमान में सोने की हालमार्किंग एक तरह से उसकी शुद्धता का प्रमाणन है और यह स्वैच्छिक है।
केंद्र सरकार ने पिछले साल नवंबर में सोने के आभूषणों और शिल्पकृतियों के लिए 15 जनवरी 2021 से हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिए जाने की घोषणा की थी। (भाषा)