नई दिल्ली। जल्द माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत पंजीकृत 5 करोड़ रुपए से अधिक के सालाना कारोबार वाले कारोबारियों को कंपनियों के बीच (बी2बी) लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक इन्वॉयस या बिल निकालना होगा। एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन विवेक जौहरी ने कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्णय लिया था। जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल हैं। ई-इन्वॉयस लागू होने के बाद प्रत्येक बी2बी लेनदेन के लिए जीएसटी के तहत कर अधिकारियों को बिल के मिलान की जरूरत नहीं होगी।
जौहरी ने यहां उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हमने एक बहुत ऊंची सीमा के साथ शुरुआत की है और जल्द ही हमारे पास 5 करोड़ रुपए से अधिक के सालाना कारोबार वाले सभी करदाताओं को अपने बी2बी कारोबार के लिए ई-बिल निकालने होंगे। इसके शुरू होने के साथ ही हमें बिल मिलाने की जरूरत नहीं होगी। अभी 20 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों को बी2बी लेनदेन के लिए ई-इन्वॉयस निकालना होता है।
जीएसटी के तहत 1 अक्टूबर, 2020 से 500 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए बी2बी लेनदेन के लिए ई-बिल निकालना अनिवार्य कर दिया गया था। 1 जनवरी, 2021 से इसे 100 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों के लागू कर दिया गया। पिछले साल 1 अप्रैल से 50 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार वाली कंपनियां बी2बी ई-बिल निकाल रही हैं और 1 अप्रैल, 2022 से इस सीमा को 20 करोड़ रुपए किया गया था।