नई दिल्ली। भारतीय बैंकिंग सेक्टर के लिए मंगलवार का दिन बेहद खराब रहा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 24 घंटों में लक्ष्मी विलास बैंक और मंता अर्बन कॉपरेटिव बैंक पर शिकंजा कस दिया। दोनों ही बैंक के ग्राहकों पर इसका लंबे समय तक असर पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) में खाताधारक के लिए दैनिक 25000 रुपए निकासी सीमा तय की है। यह निकासी सीमा मंगलवार शाम 6 बजे से प्रभावी हो गई है और एक माह तक अर्थात 16 दिसंबर तक लगाई गई है। इस अवधि में बैंक के ग्राहक रोजाना अधिकतम 25 हजार रुपए की ही निकासी कर पाएंगे।
रिजर्व बैंक ने मंता अर्बन कोऑपरेटिव बैंक को कुछ निर्देश दिए हैं, जो मंगलवार से ही 6 माह तक प्रभावी होंगे। अब यह बैंक आरबीआई की अनुमति के बिना कोई कर्ज या उधार नहीं दे सकेगा और न ही पुराने कर्जों का नवीनीकरण तथा कोई निवेश कर सकेगा।
बैंक पर नई जमा राशि स्वीकार करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। वह कोई भुगतान भी नहीं कर सकेगा और न ही भुगतान करने का कोई समझौता कर सकेगा।
5 लाख रुपए की गारंटी : बैंक चाहे सरकारी हों या प्राइवेट, विदेशी हो या को-ऑपरेटिव, इनमें जमा पैसों पर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) की तरफ से सिक्यॉरिटी उपलब्ध कराई जाती है। बैंकों को इसके लिए प्रीमियम भरना होता है। अगर आपके बैंक अकाउंट में 5 लाख या उससे ज्यादा रकम जमा है तो DICGC आपको 5 लाख रुपए तक गारंटी देता है। इसमें मूलधन और ब्याज, दोनों शामिल हैं। पहले मात्र 1 लाख तक की ही गारंटी मिलती थी जिसे फरवरी 2020 के बजट में बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है।
पैसे मिलने की कोई समय सीमा नहीं : अगर आपके किसी एक बैंक में एक से अधिक अकाउंट है। आपने इसी बैंक में FD भी कराई तो भी बैंक के डूबने के बाद आपको 5 लाख रुपए ही मिलने की गारंटी है। यह रकम आपको कितने दिनों में मिलेगी, इसे लेकर कोई समय सीमा तय नहीं है।
इस झमेले से बचने के लिए व्यक्ति को एक ही अकाउंट में सारा पैसा नहीं रखकर अलग अलग बैंकों में रखना चाहिए। इससे हर बैंक में आपको 5 लाख रुपए तक की गारंटी मिलेगी। हां अगर बैंक का किसी अन्य बैंक में विलय हो जाता है तो आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा और आपको कोई नुकसान नहीं होगा।