लाल किताब के अनुसार बुधवार का दिन माता दुर्गा का दिन माना जाता है और इस ग्रह के दूषित होने से नौकरी, व्यापार, बुद्धि सहित शरीर के कई अंगों पर यह असर डालता है। आओ संक्षिप्त में जानते हैं कि लाल किताब इस संबंध में क्या कहती है।
बुध शुभ : बहन, मौसी और बुआ की स्थिति ठीक रहती है। सुंदर देह वाला ऐसा व्यक्ति ज्ञानी और चतुर होता है। सोच-समझकर बोलता है। उसकी बातों का असर होता है। ईमानदार और सच्चाई से चलने वाले बुध प्रबल व्यक्ति का रुतबा होता है। सूंघने की शक्ति गजब की होती है। व्यापार और नौकरी में किसी भी प्रकार की अड़चन नहीं आती।
बुध अशुभ : सूंघने की शक्ति क्षीण होना। समय पूर्व ही दांतों का खराब होना। मित्र से संबंधों का बिगड़ना। तुतलाहट।
मनसुई : गुरु और राहु मिलकर बुध का रूप धारण कर लेते हैं जिसे ज्योतिष में चांडाल योग कहा गया है। मंगल और बुध मिलकर भी शनि का रूप ले लेते हैं, लेकिन सिफत केतु के समान ही मानी जाती है। सूर्य और बुध मिलकर नकली मंगल नेक का रूप ले लेता है अर्थात उच्च का मंगल बन जाते हैं। बुध और शुक्र मिलकर नकली सूर्य का रूप धारण कर लेते हैं। केतु और मंगल के साथ मंदा फल। शत्रु ग्रहों से ग्रसित बुध का फल मंदा ही रहता है।
विशेषत: यह नौकरी या व्यापार में नुकसान दे सकता है। संभोग की शक्ति क्षीण कर देता है। नाक की जो खोल है वह बुध है नाक में से जो हम ऑक्सिजन लेते हैं वह गुरु है और जो कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं वह राहू है। यदि नाक साफ सुथरी नहीं है तो गुरु खराब और राहु का असर होगा।
मकान : बुध के मकान के चारों ओर खाली जगह होती है। हो सकता है कि यह मकान सभी मकानों से अलग अकेला ही हो। मकान के साथ चौड़े पत्तों के वृक्ष होंगे। गुरु और चंद्र के वृक्ष के साथ न होगा और अगर हुआ तो वह घर बुध की दुश्मनी का पुख्ता प्रमाण माना जाएगा।
उपाय : दुर्गा की भक्ति। नाक छिदवाना। बेटी, बहन, बुआ और साली से अच्छे संबंध रखें। बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाना। साबूत हरे मूंग का दान करना। झूठ न बोलना।
देवता : दुर्गा
दिवस : बुधवार
दिशा : पूर्व दिशा
वाहन : सिंह
भाव : बारहवाँ
गोत्र व वंश : अत्रि गोत्र, चंद्रवंशी
पेशा : दलाल या व्यापारी
विशेषता : चापलूस
धातु : हीरा और पन्ना
गुण : दिमागी कसरत, मित्रता
नक्षत्र : अश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती
वर्ण : श्याम, 18 किरणें
वस्त्र : टोपी, नाड़ा, तगारी, पेटी
पशु : बकरा, बकरी, भेड़, चमगादढ़
शक्ति : बोलना, लोगों में दबदबा रखना
वृक्ष : केला, चौड़े पत्ते के पौधे या वृक्ष
शरीर के अंग : दिमाग का ढाँचा, जीभ, दाँत, नाड़ियाँ, नाक का सिरा
बल : शुक्र और बुध दोनों ही एक ही भाव में हो तो बुध बलशाली
अन्य नाम : चंद्र पुत्र, बोधन, सौम्य, शांत, शशिसुत, हेम्प और उतारुद।
स्वभाव : अति चतुर और हास्य प्रधान। स्त्रैण और नपुंसक दोनों तत्व मौजूद। शुभ हो तो जवानी का भरपूर जोश।
राशि : कन्या और मिथुन राशि के स्वामी बुध के सूर्य़, शुक्र और राहु मित्र, चंद्र शत्रु और मंगल, गुरु, शनि और केतु सम।
भ्रमण : बुध 25 दिन तक एक राशि में निवास करते हैं। ग्रहों में इन्हें राजकुमार कहा गया है। इनमें पृथ्वी तथा वायु दोनों तत्व मौजूद है।