मेष राशि वालों के लिए लाल किताब की सलाह

अनिरुद्ध जोशी
यदि आपकी मेष राशि है तो आपके लिए यहां लाल किताब अनुसार कुछ जरूरी सलाह दी जा रही है। अग्नि तत्व प्रधान मेष राशि के कारक ग्रह मंगल, सूर्य और गुरु हैं। इस राशि का स्वामी मंगल है। मेष लग्न की बाधक राशि कुंभ तथा बाधक ग्रह शनि है। मंगल राशि होने के कारण इसका पक्का घर 3रा और 8वां माना गया है। मंगल नेक और बद होता है।

मेष राशि का ग्रह मंगल होता है। यदि आपकी कुंडली में मंगल खराब है तो आप निम्नलिखित सावधानी और उपाय अपना सकते हैं। मंगल खराब होने की नीचे अशुभ की निशानी दी गई है। इससे आप पता लगा सकते हैं कि आपका मंगल खराब है या नहीं।
 
अशुभ की निशानी
मंगल बद : बद का अर्थ खराब या अशुभ। मंगल अशुभ होता है- मांस खाने, भाइयों से झगड़ने और क्रोध करने से। दूसरा, यदि कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में मंगल होता है तब इसे मंगलिक दोष माना जाता है। लेकिन लाल किताब के अनुसार मंगल का संबंध रक्त से माना गया है। रक्त या स्वभाव खराब है तो मंगल खराब होगा।
मंगल बद के रोग : मेष राशि के जातक का मंगल बद है तो मंगल से संबंधित बीमारियों में पेट के रोग, हैजा, पित्त, भगंदर, फोड़ा, नासूर और आमाशय से संबंधित समस्याएं होने लगती हैं। मानसिक रोगों में अति क्रोध, विक्षिप्तता, चिढ़चिढ़ापन, तनाव, अनिद्रा आदि होते हैं।
 
सावधानी
*किसी से मुफ्त में कुछ लेंगे तो बरकत जाती रहेगी।
*भाई और पिता से झगड़ा न करें। क्रोध से बचें।
*घमंड, अहंकार, बदजुबानी और अपराधिक प्रवृत्ति से दूर रहें।
*दक्षिण और शेरमुखी मकाम में न रहें।
*जहां रोज भट्टी जलती हो वहां भी न रहें।
*मांस, मटन, चिकन, अंडा और मछली खाने से बचें।
 
उपाय
*अपने बच्चों को जन्मदिवस पर नमकीन वस्तुएं बांटें। 
*मेहमानों को मिठाई जरूर खिलाएं। 
*विधवाओं की नि:स्वार्थ मदद करें।
*हमेशा अपनों से बड़ों का सम्मान करें और उनसे आशीर्वाद लेते रहें।
*कभी-कभी गुलाबी या लाल चादर पर सोएं।
*पीला वस्त्र लाभदाय है। चादर भी पीले रंग की ही रखें।
*काले और नीले रंग से दूर रहें। आसमानी रंग का उपयोग कर सकते हैं।
*आंत और दांत हमेशा साफ रखने का सुनिश्‍चित करें।
*प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें।
*मसूर की दाल बहते जल में प्रवाहित करें या मंदिर में दान करें।
*सफेद रंग का सुरमा आंखों में लगाएं।
- AJ (S)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Dev uthani ekadashi 2024: देव उठनी एकादशी पर इस बार जानिए पितृदोष से मुक्ति के 5 अचूक उपाय

Tulsi vivah 2024: तुलसी विवाह पूजा की विधि स्टेप बाय स्टेप में, 25 काम की बातें भी जानिए

शुक्र के धनु राशि में गोचर से 4 राशियों को होगा जबरदस्त फायदा

Tulsi vivah Muhurt: देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त क्या है, जानें विधि और मंत्र

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा पर क्यों करते हैं दीपदान, जानिए इसके 12 फायदे

सभी देखें

नवीनतम

09 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

09 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

ज्योतिष की नजर में क्यों हैं 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

Akshay Amla Navami 2024: अक्षय नवमी कब है? जानें पौराणिक महत्व

Amla Navami 2024: कैसे की जाती है आंवला नवमी पर पूजा?

More