मंगल मकर में उच्च का कर्क में नीच का होता है। लाल किताब के अनुसार मंगल नेक और मंगल बद होता है। दसवें घर में मंगल है तो उसे उच्च का माना जाएगा और चौथे घर में है तो नीच का माना जाएगा। लेकिन यहां बारहवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
कैसा होगा जातक : द्वादश भाव से शय्या सुख, व्यय, हानि, शासन दंड, कारावास, बदनामी आदि का विचार किया जाता है और यदि मंगल इस भाव से संबंध स्थापित करता हो या इसमें स्थित हो, तो अनावश्यक व्यय, मन में चिंता, परेशानियां, नींद का अभाव आदि होते हैं।
व्यय भाव में होने से धन के होने की शर्त यह की हिंसक और कामुक प्रवृत्ति न रखें। घर में चोरी और शत्रुओं से हानि होने की आशंका। लाभ से अधिक व्यय होगा, इसलिए सावधानी और समझदारी से चलें। पत्नी से अनबन रह सकती है और जातक संतानहीन हो सकता है।
पांच सावधानियां
1. गुरु और धर्म का अपमान न करें। समझदारी से चलें।
2. भाई, मित्रों, स्वजनों से वैर भाव न रखें।
3. किसी को भी उधार देने से पहले 10 बार सोचें।
4. हिंसक और कामुक प्रवृत्ति न रखें।
5. बुरी संगत से बचें अन्यथा शत्रु बढ़ेंगे और राजदंड के फेर में फंस जाएंगे।
ये पांच कार्य करें
1. नित्य सुबह खाली पेट शहद का सेवन करें।
2. घर आए मेहमान को शरबत अवश्य पिलाएं।
3. तंदूर में मीठी रोटी सेंककर कुत्ते को खिलाएं।
4. एक किलो बताशे मंगल के दिन बहते जल में प्रवाहित करें या मंदिर में दान दें।
5. लाल रूमाल या चांदी का चावल सदैव अपने पास रखें, या चांदी की चेन धारण करें।