मंगल बद के लक्षण : * यदि मंगल बहुत ज्यादा अशुभ हो तो बड़े भाई के नहीं होने की संभावना प्रबल मानी गई है।
* भाई हो तो उनसे दुश्मनी होती है।
* बच्चे पैदा करने में अड़चनें आती हैं। पैदा हो जाए तो उनकी मौत होने का खतरा बना रहता है।
* मंगल बद होने पर एक आंख से दिखना बंद हो सकता है।
* शरीर के जोड़ काम नहीं करते हैं। रक्त की कमी या अशुद्धि हो जाती है।
* चौथे और आठवें भाव में मंगल अशुभ माना गया है।
* किसी भी भाव में मंगल अकेला हो तो पिंजरे में बंद शेर की तरह है।
* सूर्य और शनि मिलकर मंगल बद बन जाते हैं।
* मंगल के साथ केतु हो तो अशुभ हो जाता है।
* मंगल के साथ बुध के होने से भी अच्छा फल नहीं मिलता।
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मंगल नेक की निशानी : * मंगल नेक सेनापति का स्वभाव रखता है। ऐसा व्यक्ति न्यायप्रिय और ईमानदार रहता है।
* शुभ हो तो साहसी, शस्त्रधारी व सैन्य अधिकारी बनता है या किसी कंपनी में लीडर या फिर श्रेष्ठ नेता।
* मंगल अच्छाई पर चलने वाला ग्रह है किंतु मंगल को बुराई की ओर जाने की प्रेरणा मिलती है तो यह पीछे नहीं हटता और यही उसके अशुभ होने का कारण है।
* सूर्य और बुध मिलकर शुभ मंगल बन जाते हैं।
* दसवें भाव में मंगल का होना अच्छा माना गया है।
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मंगल बद के उपाय : * जिसका मंगल बद है उसे निरंतर हनुमानजी की भक्ति करते रहना चाहिए।
* मंगल खराब की स्थिति में सफेद रंग का सूरमा आंखों में डालना चाहिए।
* घर से बाहर निकलते समय गुड़ खाना चाहिए।
* भाई और मित्रों से संबंध अच्छे रखना चाहिए।
* हमेशा क्रोध और वाचालता से दूर रहें।
* पिता और गुरु का सदा सम्मान करें।