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Lal Kitab : गले में लॉकेट, नेकलेस, चेन या माला पहनने के 5 नुकसान, 5 फायदे

हमें फॉलो करें Lal Kitab : गले में लॉकेट, नेकलेस, चेन या माला पहनने के 5 नुकसान, 5 फायदे

अनिरुद्ध जोशी

, गुरुवार, 5 मार्च 2020 (15:20 IST)
वर्तमान में गले में क्रॉस का चिन्ह लटकाना, गिटार लटकाना, बंदूकी की गोली लटकाना या अपने किसी गुरु का लॉकेट पहने का प्रचलन चल पड़ा है। क्रॉस एक ऐसा चिन्ह है तो हमें कब्रिस्तान की याद दिलाता है। इसके अलावा लोग लोहे, स्टील या जर्मन की धातु का लॉकेट भी पहनते हैं। कोई किसी देवी या देवता का लॉकेट पहनता है तो कोई रुद्राक्ष, स्फटिक या अन्य किसी की माला पहनते हैं। कुछ लोग तो अभिमंत्रित किया हुआ ताबिज पहनते हैं। इससे कितना नुकसान हो रहा है और कितना फायदा यह जानना भी जरूरी है।
 
 
हो सकते हैं ये 5 नुकसान- 
1.कुंडली का लग्न स्थान है गला : ज्योतिष के अनुसार हाथ पराक्रम भाव है, गला लग्न भाव है और प्रत्येक धातु का एक ग्रह-नक्षत्र है जिसका उस पर प्रभाव होता है। यदि आपकी कुंडली के भाग्य में गुरु बैठा है और आपने गले में सोने की चैन पहनी है तो गुरु भाग्य से उठकर लग्न में बैठकर लग्न का फल देगा। अत: पहले कुंडली जांचे फिर ही कुछ पहनें।
 
 
2. मस्तिष्क पर प्रभाव : गले या हाथ में कुछ तो भी बगैर सोचे-समझे पहने से आपके मस्तिष्क में परिवर्तन तो होता ही है साथ ही आपके रक्तचाप में भी बदलावा आ सकता है। हो सकता है कि इससे धीरे-धीरे आपकी बैचेनी बढ़ रही हो। आपको इसके असर का उसी तरह पता नहीं चलता है जिस तरह की काले या मटमेले रंग के कपड़े पहनने के असर का पता नहीं चलता है।
 
3. हृदय और फेफड़े होते हैं प्रभावित : लाल किताब के अनुसार कलाई पर, अंगुलियों में या गले में कोई सी भी धातु को बहुत ही सोच समझ कर पहनना चाहिए यह आपके लिए घातक भी सिद्ध हो सकती है। लाल किताब के अनुसार गला हमारा लग्न स्थान होता है और लॉकेट पहनने से हमारा हृदय और फेफड़े प्रभावित होते हैं। हृदय की धड़कने धीमी पड़ने लगी या और तेज चलने लगी हो?
 
 
4.सोना पहने सोच समझ कर : गले में सोना पहने का अर्थ है कि आपका बृहस्पति ग्रह कुंडली के लग्न भाव में बैठ जाएगा या वहां का असर देगा। वृषभ, मिथुन, कन्या और कुंभ लग्न के लिए सोना धारण करना उत्तम नहीं होता है। तुला और मकर लग्न के लोगों को सोना कम ही पहनना चाहिए। वृश्‍चिक और मीन लग्न के लोगों के लिए सोना पहनना मध्यम है।
 
 
जिनकी कुंडली में बृहस्पति खराब हो या किसी भी प्रकार से दूषित हो ऐसे लोगों को भी सोने के प्रयोग से बचना चाहिए। यदि अप शराब और मांसाहार का सेवन करते हैं तो आपको सोना धारण नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आप समस्याओं से घिर सकते हैं। कहते हैं कि सोना बृहस्पति की पवित्र धातु है और इसकी पवित्रता बनाए रखना जरूरी है।
 
 
5.गंडे ताबीज का नुकसान : मनमाने तरीके या किसी अपवित्र ओझा, तांत्रिक, फकीर, मौलवी या सड़क किनारे ताबीज बेचने वाले लोगों से प्राप्त गंडा या ताबीज आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है। इन गंडे-ता‍बीजों की पवित्रता का विशेष ध्यान रखना पड़ता है अन्यथा ये आपको नुकसान पहुंचाने वाले सिद्ध होते हैं। जो लोग इन्हें पहनकर शराब आदि का नशा करते हैं या किसी अपवित्र स्थान पर जाते हैं उनका जीवन कष्टमय हो जाता है। मारण, उच्चाटन, वशीकरण, भूत-प्रेत बाधा मुक्ति या धर्मान्तरण आदि के हेतु गंडे या ताबीज का प्रचलन जोरशोर से होता है। अखबारों में लुभावने विज्ञापन या अन्य किसी धर्म प्रचारक की बातें सुनकर सामान्य व्यक्ति उनके जाल में फंस जाता है। गंडा को बाजू में बांधा जाता है। बाजू अर्थात कुंडली का पराक्रम भाव (तीसरा घर) होता है यहां आपको कोई वस्तु धारण करना चाहिए या नहीं, किस धातु की वस्तु धारण करना चाहिए या नहीं यह विचार किया जाता है।
 
 
हो सकते हैं ये 5 फायदे
1.तुलसी की माला : तुलसी के बीजों की माला बहुत ही लाभदायक होती है। तुलसी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। श्यामा तुलसी और रामा तुलसी। श्यामा तुलसी की माला धारण करने से विशेष रूप से मानसिक शांति प्राप्त होती है, ईश्वर के प्रति श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, मन में सकारात्मक भावना का विकास होता है, आध्यात्मिक उन्नति के साथ ही पारिवारिक तथा भौतिक उन्नति होती है। रामा तुलसी की माला को धारण करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास में वृद्धि तथा सात्विक भावनाएं जागृत होती हैं। अपने कर्तव्यपालन के प्रति मदद मिलती है।
 
 
तुलसी की माला में विद्युत शक्ति होती है। इस माला को पहनने से यश, कीर्ति और सौभाग्य बढ़ता है। तुलसी की माला पहनने से बुखार, जुकाम, सिरदर्द, चमड़ी के रोगों में भी लाभ मिलता है। संक्रामक बीमारी और अकाल मौत भी नहीं होती, ऐसी धार्मिक मान्यता है। तुलसी माला पहनने से व्यक्ति की पाचन शक्ति, तेज बुखार, दिमाग की बीमारियों एवं वायु संबंधित अनेक रोगों में लाभ मिलता है।
 
3. चंदन की माला : चंदन 2 प्रकार के पाए जाते हैं- रक्त एवं श्वेत। चंदन का गुण शीतल है। यदि आपको सर्दी की शिकायत रहती है तो इसे धारण न करें। इससे मंगल ग्रह के दोष भी दूर होते हैं। चंदन की माला धारण करने से नौकरीपेशा में उन्नति तो होती ही है, सभी लोग ऐसे व्यक्ति से खुश रहते हैं और सभी उसके मित्र बने रहते हैं। ऐसे व्यक्ति को सभी ओर से सहयोग प्राप्त होता रहता है। चंदन कई रोगों को शांत करता है, जैसे तृषा, थकान, रक्तविकार, दस्त, सिरदर्द, वात पित्त, कफ, कृमि और वमन आदि।  इसके अतिरिक्त इस माला को मानसिक शांति एवं लक्ष्मी प्राप्ति के लिए भी गले में धारण करने से लाभ होता है।
 
4. रुद्राक्ष की माला : यह माला किसी ज्योतिष से पूछकर ही पहनें। यह आपके रक्तचाप को कंट्रोल या अनकंट्रोल कर सकती है। यह सर्वकल्याणकारी, मंगल प्रदाता एवं आयुष्यवर्द्धक है। रुद्राक्ष की माला श्रद्धा से पहनने वाले इंसान की आध्यात्मिक तरक्की होती है। पद्म पुराण, शिव महापुराण अनुसार इसे पहनने वाले को शिवलोक मिलता है।
 
 
5.ॐ बना लॉकेट ही पहनें : ॐ बना हुआ या फिर हनुमानजी का लॉकेट ही गले में पहनना चाहिए। इसके अलावा आप मात्र एक गोल धातु का लॉकेट भी पहने सकते हैं। धातु का गोल होना इसलिए जरूरी है कि इससे आपके आसपास ऊर्जा का वर्तुल सही बनेगा। इसके और भी कई लाभ हैं। इसके आलावा चक्र, फूल, पान, झूमर, षटकोण या डमरू की आकृती के लॉकेट भी पहने जाते हैं। अन्य प्रकार के लॉकेट नुकसानदायक हैं। हनुमानजी का लॉकेट पहनने से व्यक्ति को आत्मिकबल प्राप्त होता है। इस लॉकेट के कारण भूत, प्रेत, पिशाच या अन्य बुरी शक्तियां व्यक्ति से दूर रहती है। यह लॉकेट किये काराये और घटना-दुर्घटना से भी रक्षा करता है।

 
नोट : लॉकेट और गले में पहने जाने वाले मंगलसूत्र में फर्क होता है। धार्मिक परंपरा के अनुसार मंगल सूत्र के पेंडल की अधिकतर आकृति किसी फूल, झूमर या पान के समान होती है। यह आभूषण के अंतर्गत आता है अत: यह विषय अलग है।

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