यदि आपकी कर्क राशि है तो आपके लिए यहां लाल किताब के अनुसार कुछ जरूरी सलाह दी जा रही है। जल तत्व प्रधान कर्क राशि के कारक ग्रह चंद्र और मंगल माने गए हैं जबकि इसका स्वामी ग्रह चंद्र है। कर्क लग्न की बाधक राशि वृष तथा बाधक ग्रह शुक्र है। चतुर्थ भाव में कर्क राशि मानी गई है जिसके चंद्र का पक्का घर चतुर्थ ही है। लाल किताब के अनुसार चंद्र के खराब या अच्छा होने की कई स्थितियां हैं।
कर्क राशि का ग्रह चंद्र होता है। यदि आपकी कुंडली में चंद्र खराब है तो आप निम्नलिखित सावधानी और उपाय अपना सकते हैं। चंद्र खराब होने की नीचे अशुभ की निशानी दी गई है। इससे आप पता लगा सकते हैं कि आपका चंद्र खराब है या नहीं।
अशुभ की निशानी
*माता को कष्ट।
*सर्दी-जुकाम, दिल से संबंधित रोग या आंख की पुतली की बीमारियां।
*घर के आसपास के नल, कुआं, तालाब आदि का जल सूख जाना।
*संवेदनशीलता एवं हृदय में भावनाओं की कमी का होना।
*अत्याधिक बेचैनी और मानसिक तनाव बना रहता है।
*आत्महत्या करने के विचार बार-बार आते हैं।
*व्यक्ति घोर निराशावादी हो जाता है।
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सावधानी
*माता से संबंध अच्छे बनाए रखें।
*मां की आज्ञा की अवहेलना न करें।
*साफ-स्वच्छ जल ही ग्रहण करें।
*धार्मिक स्थान पर चप्पल-जुते पहनकर न जाएं।