हिन्दू धर्म में 16 संस्कारों में से एक कर्ण वेध संस्कार का उल्लेख मिलता है। इसे उपनयन संस्कार से पहले किया जाता है। विशेष मुहूर्त में कान छिदवाने के बाद उसमें सोने का तार पहना जाता है। कान पके नहीं इसके लिए हल्दी को नारियल के तेल में मिलकर तब तक लगाएं तब तक की छेद अच्छे से फ्री ना हो जाए। दोनों ही कान छिदवाना चाहिए। आओ जानते हैं कान छिदवाने के लाल किताब अनुसार 5 फायदा और वैज्ञानिकों के अनुसार 5 फायदे।
लाल किताब के अनुसार फायदे :
1. कान छिदवाने से राहु और केतु के बुरे प्रभाव का असर खत्म होता है। जीवन में आने वाले आकस्मिक संकटों का कारण राहु और केतु ही होते हैं।
2. इसे मंदा केतु जब ठीक हो जाता है तो संतान पक्ष से भी व्यक्ति को कई कठिनाई नहीं होती है। धर्म के अनुसार इससे संतान स्वस्थ, निरोगी रोग और व्याधि मुक्त रहती है।
3. लाल किताब के अनुसार केतु और चंद्र की नहीं पटती है। यदि आपने कान में चांदी पहन रखी है तो यह नुकसान दायक होगी।
4. लाल किताब के अनुसार कानों में सोना पहनने से गुरु का साथ मिल जाता है। यह जंगल में भी मंगल कर देता है। यह भी कहा जाता है कि इससे बुरी शक्तियों का प्रभाव दूर होता है और व्यक्ति दीर्घायु होता है।
5. मंदा केतु पैर, कान, रीढ़, घुटने, लिंग, किडनी और जोड़ के रोग पैदा कर सकता है। इसे मन में मतिभ्रम और हमेशा किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती है। इससे व्यक्ति के भीतर अपराधी प्रवृत्ति भी जन्म ले सकती है। ऐसे में कान छिदवाने से से यह सभी समस्या दूर हो जाती है।
विज्ञान के अनुसार लाभ :
1- कहते हैं कि कान छिदवाने से सुनने की क्षमता बढ़ जाती है।
2- कान छिदवाने से आंखों की रोशनी तेज होती है।
3- कान छिदने से तनाव भी कम होता है।
4- कान छिदने से लकवा जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
5- पुरुषों के द्वारा कान छिदवाने से उनमें होने वाली हर्निया की बीमारी खत्म हो जाती है।
6- यह भी कहा जाता है कि पुरुषों के अंडकोष और वीर्य के संरक्षण में भी कर्णभेद का लाभ मिलता है।
7. इससे मस्तिष्क में रक्त का संचार समुचित प्रकार से होता है। इससे दिमाग तेज चलता है।
8. कान छिदवाने से मेधा शक्ति बेहतर होती है तभी तो पुराने समय में गुरुकुल जाने से पहले कान छिदवाने की परंपरा थी।
8. मान्यता अनुसार कान छिदवाने से व्यक्ति के रूप में निखार आता है।