Lal Kitab : किस धातु का पहने लॉकेट, 5 जरूरी बातें नहीं जानी तो पछताएंगे

अनिरुद्ध जोशी
शुक्रवार, 15 नवंबर 2019 (15:36 IST)
आजकल गले में तरह तरह के लॉकेट पहनने का प्रचलन चल पड़ा है। खासकर टीनएज लोग कुछ इस तरह के लॉकेट पहनने लगे हैं तो कि बहुत ही बेकार लगते हैं या कि ज्योतिष और वास्तु के अनुसार वे हानीकारक हो सकते हैं। ऐसे में जानना जरूरी है कि किस तरह के लॉकेट पहनना उचित है। जानिए 5 खास बातें।
 
 
1.सोच समझ कर पहनलें लॉकेट : वर्तमान में गले में क्रॉस का चिन्ह लटकाना, गिटार लटकाना, बंदूकी की गोली लटकाना या अपने किसी गुरु का लॉकेट पहने का प्रचलन चल पड़ा है। क्रॉस एक ऐसा चिन्ह है तो हमें कब्रिस्तान की याद दिलाता है। इसके अलावा लोग लोहे, स्टील या जर्मन की धातु का लॉकेट भी पहनते हैं। कोई किसी देवी या देवता का लॉकेट पहनता है तो कोई रुद्राक्ष की माला, कुछ लोग तो अभिमंत्रित किया हुआ ताबिज पहनते हैं लेकिन यह सब पहनना व्यर्थ है। इससे नुकसान हो सकता है।
 
 
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2.‍इस धातु का ही पहनें लॉकेट : लॉकेट सिर्फ तीन तरह की धातु का ही पहनना चाहिए पीतल, चांदी और तांबा। लेकिन किसे सोना पहनना चाहिए और किसे चांदी यह कुंडली को देखकर ही तय होता है, तो यह जरूर किसी ज्योतिष या लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछ लें।
 
 
3.ॐ बना लॉकेट ही पहनें : बना हुआ या फिर हनुमानजी का लॉकेट ही पहनना चाहिए। इसके अलावा आप मात्र एक गोल धातु का लॉकेट भी पहने सकते हैं। धातु का गोल होना इसलिए जरूरी है कि इससे आपके आसपास ऊर्जा का वर्तुल सही बनेगा। इसके और भी कई लाभ हैं। इसके आलावा चक्र, फूल, पान, झूमर, षटकोण या डमरू की आकृती के लॉकेट भी पहने जाते हैं। अन्य प्रकार के लॉकेट नुकसानदायक हैं। हनुमानजी का लॉकेट पहनने से व्यक्ति को आत्मिकबल प्राप्त होता है। इस लॉकेट के कारण भूत, प्रेत, पिशाच या अन्य बुरी शक्तियां व्यक्ति से दूर रहती है। यह लॉकेट किये काराये और घटना-दुर्घटना से भी रक्षा करता है।
 
 
4.गंडे ताबीज का नुकसान : मनमाने तरीके या किसी अपवित्र ओझा, तांत्रिक, फकीर, मौलवी या सड़क किनारे ताबीज बेचने वाले लोगों से प्राप्त गंडा या ताबीज आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है। इन गंडे-ता‍बीजों की पवित्रता का विशेष ध्यान रखना पड़ता है अन्यथा ये आपको नुकसान पहुंचाने वाले सिद्ध होते हैं। जो लोग इन्हें पहनकर शराब आदि का नशा करते हैं या किसी अपवित्र स्थान पर जाते हैं उनका जीवन कष्टमय हो जाता है। मारण, उच्चाटन, वशीकरण, भूत-प्रेत बाधा मुक्ति या धर्मान्तरण आदि के हेतु गंडे या ताबीज का प्रचलन जोरशोर से होता है। अखबारों में लुभावने विज्ञापन या अन्य किसी धर्म प्रचारक की बातें सुनकर सामान्य व्यक्ति उनके जाल में फंस जाता है।
 
 
5.लाल किताब अनुसार गला है लग्न भाव : गला हमारा लग्न स्थान होता है और लॉकेट पहनने से हमारा हृदय और फेफड़े प्रभावित होते हैं। लाल किताब के अनुसार आपका गला कुंडली का लग्न स्थान होता है। गले में आपको ताबीज या लॉकेट पहना चाहिए या नहीं यह विचारणीय विषय है। लाल किताब ग्रहों की विशेष स्‍थिति अनुसार जातक को किसी संत या साधु से गंडा-ताबीज लेने की मनाही की गई है। गंडा को बाजू में बांधा जाता है। बाजू अर्थात कुंडली का पराक्रम भाव (तीसरा घर) होता है यहां आपको कोई वस्तु धारण करना चाहिए या नहीं, किस धातु की वस्तु धारण करना चाहिए या नहीं यह विचार किया जाता है।
 
 
नोट : लॉकेट और गले में पहने जाने वाले मंगलसूत्र में फर्क होता है। धार्मिक परंपरा के अनुसार मंगल सूत्र के पेंडल की अधिकतर आकृति किसी फूल, झूमर या पान के समान होती है। यह आभूषण के अंतर्गत आता है अत: यह विषय अलग है।

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