शनि ग्रह के संबंध में ज्योतिष से अलग विज्ञान की धारणा कुछ अलग है। आओ जानते हैं विज्ञान के अनुसार शनि ग्रह की 12 खास बातें।
1. खगोल विज्ञान के अनुसार शनि का व्यास 120500 किमी है। खगोल विज्ञान के अनुसार शनि का व्यास पृथ्वी के व्यास से 9 गुना ज्यादा है जबकि घनत्व 8 गुना कम है। 120.536 किलोमीटर का इसका भूमध्य रेखीय व्यास है।
2. 10 किमी प्रति सेकंड की औसत गति से यह सूर्य से औसतन डेढ़ अरब किमी (142 करोड़, 66 लाख, 66 हजार 422 किलोमीटर) की दूरी पर रहकर यह ग्रह 29 वर्षों में सूर्य का चक्कर पूरा करता है। विज्ञान कहता है कि 10,759 दिन लगाता है।
3. गुरु शक्ति पृथ्वी से 95 गुना अधिक है। इसका गुरुत्व पानी से भी कम है।
5. आकार में बृहस्पती के बाद इसी का नंबर आता है। यह सूर्य से छटा ग्रह है।
6. अपनी धुरी पर घूमने में यह ग्रह 10 घंटे 34 मिनट लगाता है।
7. सौरमंडल में यही एकमात्र ग्रह है जिसके आसपास छल्ले हैं। इसके तल के चारों ओर छोटे-छोटे कणों से मिलकर वलय का होना है। शनि ग्रह के चारों ओर जो वलय है वह दूर से नीला नजर आता है। वैज्ञानिक इस वलय को लेकर अभी भी अचंभित हैं कि आखिर ये वलय किस चीज के बने हैं। शनि के चारों ओर 12 वलय हैं और 2 रिक्त स्थान।
8. शनि के कम से कम 82 चंद्रमा है जिसमें से टाइटन, यूरोपा, फोबो, एनसेलेडस का नाम प्रमुख है। फोबो विपरीत दिशा में परिक्रमा करता है।
9. यह आकाश में पीले तारे के समान दिखाई पड़ता है।
10. वैज्ञानिक कहते हैं कि इसके वायुमंडल में गैसीय संरचना है जिसमें हाईड्रोजन व हीलियम गैस पाई जाती है।
11. कहते हैं कि शनि में लगभग 763 धरतियां समा सकती हैं। इसका एक वर्ष धरती के 29.45 साल बराबर का होता है।
12. शनि धरातल का तापमान 240 फेरनहाइट है या 139 डीग्री सेल्सीयस है।