बारिश पर कविता : बरसे बादल...

Webdunia
- परमानंद शर्मा 'अमन' 
 
झूम-झूम कर बरसे बादल।
गरज-गरज कर बरसे बादल॥
 
समन्दर से भर कर पानी।
घूमड़-घूमड़ कर बरसे बादल॥
 
काले, भूरे और घने ये।
सब हिल-मिलकर बरसे बादल॥
 
खेत, खलिहान, नदी, नालों पर।
ठहर-ठहर कर बरसे बादल॥
 
जीवन, जहीर और जॉन के।
खुले सिर पर बरसे बादल॥
 
प्रेम-प्यार और अमन चैन का।
आंचल भर कर बरसे बादल॥
 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन्फ्लेमेशन बढ़ने पर शरीर में नजर आते हैं ये लक्षण, नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

आपको डायबिटीज नहीं है लेकिन बढ़ सकता है ब्लड शुगर लेवल?, जानिए कारण, लक्षण और बचाव

छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर जानिए उनके जीवन की रोचक बातें

भोलेनाथ के हैं भक्त तो अपने बेटे का नामकरण करें महादेव के इन सुन्दर नामों पर, सदा मिलेगा भोलेनाथ का आशीर्वाद

क्यों फ्लाइट से ऑफिस जाती है ये महिला, रोज 600 किमी सफर तय कर बनीं वर्क और लाइफ बैलेंस की अनोखी मिसाल

सभी देखें

नवीनतम

क्या शादियों में तेज डीजे के साउंड से आ रहे हैं अटैक? जानिए डीजे की आवाज और हार्ट अटैक में क्या है सम्बन्ध

जानिए अल्कोहल वाले स्किन केयर प्रोडक्ट्स की सच्चाई, कितने हैं आपकी त्वचा के लिए सेफ

दवा खिलाने के बाद बच्चा कर दे अगर उल्टी, तो क्या दोबारा दवा देना है सही

इन फलों के छिलकों को फेंकने के बजाए बनाएं शानदार हेअर टॉनिक, बाल बनेंगे सॉफ्ट और शाइनी

बच्चे कर रहे हैं एग्जाम की तैयारी तो मेमोरी बढ़ाने के लिए खिलाएं ये सुपर फूड

अगला लेख
More