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बाल कविता : स्पर्श छुअन
हाइकु 72
शिशु का स्पर्श
ईश्वर ने रखा हो
कांधे पे हाथ।
अपनापन
मुस्कान की छुअन
छलके मन।
आंसू-सा गीला
स्मृतियोंभरा स्पर्श
बहता गया।
अव्यक्त मन
मधुर-सी छुअन
सहरा तन।
ओंठ से बहा
बारिश-सा नहाता
खामोश स्पर्श।
स्पर्श से लिखी
प्रणय मनुहार
बसंती प्यार।
संदली सांसें
मोम-सी पिघलती
रोशन रातें।
स्वप्निली सांझ
अधरों की छुअन
गुलाबी गाल।
स्नेह का स्पर्श
प्रणय निमंत्रण
जन्मों का साथ।
धरती देह
आसमान का स्पर्श
गिरतीं बूंदें।
चरण स्पर्श
गुरु का आशीर्वाद
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