एक शरारती बच्चा एक दिन साइकिल चला रहा था।
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वह हाथ छोड़कर चलाने लगा और बोला- देखो, मेरे हाथ नहीं है।
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फिर दोनों पांव खोल दिए और बोला- मेरे पांव नहीं है।
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फिर धड़ाम से गिर पड़ा, तब भी उसकी शरारत गई नहीं...! उठ कर बोला- अब मेरे दांत नहीं है।
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हाऽऽऽऽ हाऽऽऽऽ हाऽऽऽऽ!