Karwa chauth | 01 नवंबर 2023 बुधवार को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा। उत्तर भारत की महिलाओं में इस त्योहार को लेकर खासा उत्साह रहता है। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चंद्र दर्शन या चांद देखने के बाद ही व्रत का पारण यानी उपवास खोलती हैं। आओ जानते हैं कि क्यों मनाते हैं यह पर्व और क्या है इसका महत्व।
क्यों मनाते हैं करवा चौथ का पर्व । kyu manate hai karwa chauth ka tyohar: मान्यता के अनुसार कुछ जगहों पर कुंआरी लड़कियां मनोवांछित पति की प्राप्ति या मंगेतर की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं जबकि विवाहित यानी सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और जीवन में तरक्की की कामना हेतु करवा चौथ का व्रत रखती हैं।
क्या महत्व है करवा चौथ त्यौहार का । What is the importance of Karva Chauth festival: करवा चौथ विशेष तौर पर नारियों का त्योहार है। हिन्दू धर्म में नारी शक्ति को शक्ति का रूप माना जाता है। कहते हैं कि नारी को यह वरदान है कि वो जिस भी कार्य या मनोकामना के लिए तप या व्रत करेगी तो उसका फल उसे अवश्य मिलेगा। खासकर अपने पति के लिए यदि वे कुछ भी व्रत करती है तो वह सफल होगा।
पौराणिक कथाओं में एक जोर जहां माता पार्वती अपने पति शिवजी को पाने के लिए तप और व्रत करती है और उसमें सफल हो जाती है तो दूसरी ओर सावित्री अपने मृत पति को अपने तप के बल पर यमराज से भी छुड़ाकर ले आती है। यानी स्त्री में इतनी शक्ति होती है कि वो यदि चाहे, तो कुछ भी हासिल कर सकती है। इसीलिए महिलाएं करवा चौथ के व्रत के रूप में अपने पति की लंबी उम्र के लिए एक तरह से तप करती हैं।