करवा चौथ नारियों का विशेष पर्व है। इस दिन शुभ मुहूर्त में ही पूजा करना चाहिए। जानिए पूजा और चंद्रोदय का समय...
इस दिन विवाहित महिलाएं और जिन महिलाओं की शादी होने वाली है वह अपने पति की लम्बी आयु और खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए निर्जला यानी बिना अन्न और जल का व्रत रखती हैं। इस व्रत को कई स्थानों पर करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
करवा चौथ के दिन शाम को स्त्रियां चन्द्रमा को जल अर्पण करती हैं और फिर चांद और पति को छलनी से देखती हैं। इसके बाद वे अपने पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत पूरा करती हैं। करवा चौथ के व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश तथा चंद्रमा का पूजन करने का विधान है। चंद्रमा आने के बाद महिलाएं उसके दर्शन करती है, चंद्रमा को जल चढ़ाकर भोजन ग्रहण करती हैं।
क्या है करवा चौथ के दिन पूजन का मुहूर्त
करवा चौथ के दिन पूजा का समय शाम 5:55 पर शुरू होगा और शाम 7:09 पर पूजा करने का समय खत्म होगा।
हर शहर का चंद्रोदय का समय अलग-अलग होगा किन्तु शाम 08:11 से 8.14 तक लगभग सभी जगह चंद्रोदय होने का खगोलीय संकेत है।