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Karnataka: बेलगावी की 18 सीटों पर Congress-BJP में कड़ा मुकाबला, कुछ सीटों पर एमईएस बिगाड़ सकती है खेल

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, गुरुवार, 27 अप्रैल 2023 (14:28 IST)
Karnataka Assembly Elections: बेलगावी। बेंगलुरु शहर के बाद कर्नाटक में सर्वाधिक विधानसभा सीट वाले बेलगावी जिले में स्थानीय मुद्दों की अपेक्षा लिंगायत राजनीति (Lingayat politics) छाए रहने के कारण भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं, लेकिन सीमा संबंधी मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रही महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) कुछ सीटों पर इन दोनों दलों का खेल बिगाड़ सकती है।
 
सीमावर्ती बेलगावी जिले में 18 विधानसभा क्षेत्र हैं। यह जिला लिंगायत समुदाय का मजबूत गढ़ है और पिछले 2 दशक से भाजपा का गढ़ रहा है। पिछले 3 चुनावों की तरह ही अधिकतर विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है।
 
केवल 5 सीटों पर शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) समर्थित एमईएस उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है। इन सीटों पर एमईएस ने स्थानीय उम्मीदवारों को खड़ा किया है। एमईएस बेलगावी और अन्य मराठी भाषी इलाकों को महाराष्ट्र में शामिल किए जाने की मुखर समर्थक है।
 
दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा को दरकिनार करने के बाद लिंगायत समुदाय में पैदा हुई नेतृत्व की कमी, सुरेश अंगड़ी एवं उमेश कट्टी जैसे कुछ प्रमुख स्थानीय लिंगायत भाजपा नेताओं के निधन और अनुसूचित जनजाति समुदाय से संबंध रखने वाले एवं राजनीतिक रूप से प्रभावशाली जारकीहोली परिवार के बढ़ते दबदबे का असर मतदान पर भी पड़ने की संभावना है।
 
आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं दिए जाने से नाराज 3 बार के विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी सहित कई असंतुष्ट भाजपा नेताओं के पार्टी छोड़ देने से यहां भाजपा को कुछ नुकसान हो सकता है। दूसरी ओर एमईएस बेलगावी में सीमा संबंधी मुद्दों को जीवित रखने की भरसक कोशिश कर रही है। बेलगावी में मराठी भाषी जनसंख्या करीब 40 प्रतिशत है। उन 5 निर्वाचन क्षेत्रों में त्रिकोणीय मुकाबले से राष्ट्रीय दलों को नुकसान हो सकता है, जहां मराठी भाषी लोग बहुसंख्यक हैं।
 
इस जिले के 5 निर्वाचन क्षेत्रों में मराठों का वर्चस्व है जबकि शेष 13 निर्वाचन क्षेत्रों में से अधिकतर में लिंगायत बहुसंख्यक हैं। इसके अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अनुसूचित जाति/ जनजाति (एससी/एसटी) की भी अच्छी-खासी आबादी है और जिले में इन समूहों के लिए 2 सीट आरक्षित हैं। इस जिले में कई निर्वाचित प्रतिनिधि चीनी के व्यापारी हैं और 3 शक्तिशाली राजनीतिक परिवार - जारकीहोली, जोले और खट्टी- का अच्छा खासा प्रभाव है।
 
जारकीहोली परिवार से रमेश जारकीहोली और बालचंद्र जारकीहोली क्रमश. गोकक और अराभवी विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। परिवार के एक अन्य सदस्य सतीश जारकीहोली यमकनमर्दी सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
 
एक अन्य प्रमुख परिवार जोले है जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान मुजराई (धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती) मंत्री शशिकला जोले करती हैं। वह निप्पनी निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। उनके पति अन्ना साहब जोले बेलगावी जिले के चिकोडी से भाजपा के लोकसभा सदस्य हैं।
 
खट्टी परिवार से रमेश खट्टी चिकोड़ी-सदलगा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं जबकि उनके भतीजे निखिल खट्टी अपने पिता उमेश खट्टी के असामयिक निधन के बाद हुक्केरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। उमेश खट्टी 8 बार विधायक और 6 बार मंत्री रहे थे।
 
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार बेलगावी जिले के 18 विधानसभा क्षेत्रों में 39.01 लाख मतदाता हैं जिनमें से 19,68,928 पुरुष मतदाता, 19,32,576 महिला मतदाता और 141 अन्य के रूप में पंजीकृत हैं। इससे पहले 2018 के चुनावों में भाजपा ने 10 और कांग्रेस ने 8 सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन कांग्रेस के 3 विजयी नेता बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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