मुंबई। झारखंड विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझानों में कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) गठबंधन को सत्तारूढ़ भाजपा पर मिलती बढ़त के मद्देनजर सोमवार को राकांपा ने कहा कि प्रदेश के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के अहंकार को चूर-चूर कर दिया है।
हाल ही में राजग का साथ छोड़ने वाली शिवसेना ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव के रुझानों ने स्पष्ट कर दिया है कि लोगों को अमित शाह नीत पार्टी की राष्ट्रीय नागरिक पंजी जैसे भावनात्मक मुद्दों पर आधारित राजनीति रास नहीं आ रही है।
राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने ट्वीट किया है कि झारखंड के लोगों ने मोदीजी, अमित शाह और भाजपा के अहंकार को चूर-चूर कर दिया है। लोकतंत्र जीत गया है। शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कयानडे ने कहा कि महाराष्ट्र में सत्ता पाने में असफल रहने के बाद भाजपा जब झारखंड में भी चुनाव हारती नजर आ रही है। इससे सवाल उठता है कि क्या लोगों को अब अमित शाह नीत पार्टी पर भरोसा है या नहीं?
उन्होंने कहा कि उन्होंने (भाजपा ने) पहले जनता से कहा कि वे विकास की राजनीति करेंगे, लेकिन अब वे असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए लोगों को भावनात्मक मुद्दों पर उलझा रहे हैं। ऐसा लगता है कि उन्हें एनआरसी जैसे मुद्दे उठाने का नुकसान हुआ है।
राज्यसभा में शिवसेना के सदस्य संजय राउत ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि झारखंड के आदिवासियों और गरीबों ने अमित शाह नीत पार्टी को खारिज कर दिया है। राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने झारखंड चुनाव जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया।
राउत ने कहा कि भाषण दिए गए कि संशोधित नागरिकता कानून से झारखंड को मदद मिलेगी, फिर भी झारखंड के गरीबों और आदिवासियों ने भाजपा को नकार दिया। आंकड़े दिखा रहे हैं कि वहां कांग्रेस-झामुमो सरकार बनाएंगे और मुझे लगता है कि उन्हें (भाजपा को) आत्ममंथन करने की जरूरत है कि महाराष्ट्र के बाद वे झारखंड चुनाव भी क्यों हार गए?
उपलब्ध झारखंड विधानसभा चुनाव के रुझान के अनुसार झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन कुल 81 में से 42 सीटों पर आगे चल रहा है। सत्तारूढ़ भाजपा 28 सीटों पर आगे है। खुद मुख्यमंत्री रघुबर दास अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय से जमशेदपुर (पूर्व) सीट पर पीछे चल रहे हैं। झारखंड में 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक 5 चरणों में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए।