परंपरागत रूप से हनुमान को बल, बुद्धि, विद्या, शौर्य और निर्भयता का प्रतीक माना जाता है। संकटकाल में हनुमानजी का ही स्मरण किया जाता है। वह संकटमोचन कहलाते हैं।
बजरंगबली ने शनि महाराज को कष्टों से मुक्त कराया था, उनकी रक्षा की थी इसलिए शनि देवता ने यह वचन दिया था हनुमानजी की उपासना करने वालों को वे कभी कष्ट नहीं देंगे। बल्कि कष्टों को दूर कर उनकी रक्षा करेंगे।
शनि या साढ़ेसाती की वजह से होने वाले कष्टों के निवारण हेतु हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए। बजरंगबली की पूजा से शनि का प्रकोप शांत होता है। सूर्य व मंगल के साथ शनि की शत्रुता व योगों के कारण उत्पन्न कष्ट भी दूर हो जाते हैं।