हनुमानजी का जन्म त्रेतायुग में हुआ था। इस युग में वामन, परशुराम और भगवान श्री राम का अवतार भी हुआ था। कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि हनुमान जी अपने पिछले जन्म में कौन थे।
1. त्रेतायुग में हनुमानजी ने अंजना और केसरी के यहां जन्म लिया था उसके पूर्व वे सतयुग में शिवरूप में थे और शिव तो अजर-अमर हैं।
2. हनुमानजी को शिवजी के 11 रुद्र अवतारों में से एक थे। इस मान से वे पिछले जन्म में रुद्र भगवान थे। भारद्वारज मुनि द्वारा कपिराज केसरी को दिए गए वरदान के चलते उनके यहां हनुमानजी के रूप में रुद्र का जन्म हुआ।