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हनुमान जयंती 2020 : क्या कर सकते हैं इस दिन, जानिए जरूरी नियम

हमें फॉलो करें हनुमान जयंती 2020 : क्या कर सकते हैं इस दिन, जानिए जरूरी नियम
hanuman jayanti 2020
भगवान शिव के एकादश रुद्रावतारों में से एक हैं हनुमानजी। उनके पूजन की शिवार्चन के जैसी सरल साधना विधि है। आवश्यकता के अनुसार मंत्र इत्यादि में परिवर्तन किया जाता है।

पूर्णत: सात्विक रहते हुए हनुमानजी का पूजन-भजन करना चाहिए अन्यथा देव कोप भोगना पड़ सकता है।
 
साधारणतया हनुमान प्रतिमा को चोला चढ़ाते हैं। हनुमानजी की कृपा प्राप्त करने के लिए मंगलवार को तथा शनि महाराज की साढ़े साती, अढैया, दशा, अंतरदशा में कष्ट कम करने के लिए शनिवार को चोला चढ़ाया जाता है।

साधारणतया मान्यता इन्हीं दिनों की है, लेकिन दूसरे दिनों में रवि, सोम, बुध, गुरु, शुक्र को चढ़ाने का निषेध नहीं है।

चोले में चमेली के तेल में सिन्दूर मिलाकर प्रतिमा पर लेपन कर अच्‍छी तरह मलकर, रगड़कर चांदी या सोने का वर्क चढ़ाते हैं।
 
इस प्रक्रिया में कुछ बातें समझने की हैं। पहली बात चोला चढ़ाने में ध्यान रखने की है। अछूते (शुद्ध) वस्त्र धारण करें।

दूसरी नख से शिख तक (सृष्टि क्रम) तथा शिख से नख तक संहार क्रम होता है। सृष्टि क्रम यानी पैरों से मस्तक तक चढ़ाने में देवता सौम्य रहते हैं।

संहार क्रम से चढ़ाने में देवता उग्र हो जाते हैं।  
 
यदि कोई विशेष कामना पूर्ति हो तो पहले संहार क्रम से, जब तक कि कामना पूर्ण न हो जाए, पश्चात सृष्टि क्रम से चोला चढ़ाया जा सकता है।

ध्यान रहे, पूर्ण कार्य संकल्पित हो। सात्विक जीवन, मानसिक एवं शारीरिक ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है।

हनुमानजी के विग्रह का पूजन एवं यंत्र पूजन में काफी असमानताएं हैं। प्रतिमा पूजन में सिर्फ प्रतिमा का पूजन तथा यंत्र पूजन में अंग देवताओं का पूजन होता है।
 
हनुमान चालीसा एवं बजरंग बाण सर्वसाधारण के लिए सरल उपाय हैं।

सुन्दरकांड का पाठ भी अच्छा है, समय जरूर अधिक लगता है।

हनुमानजी के काफी मंत्र उपलब्ध हैं। आवश्यकता के अनुसार चुनकर साधना की जा सकती है।

शाबर मंत्र भी हैं, लेकिन इनका प्रयोग गुरुदेव की देखरेख में करना उचित है।

एकदम जादू से कोई सिद्धि नहीं मिलती अत: धैर्य, श्रद्धा, विश्वास से करते रहने पर देवकृपा निश्चित हो जाती है।
 
शास्त्रों में लिखा है- 'जपात् सिद्धि-जपात् सिद्धि' यानी जपते रहो, जपते रहो, सिद्धि जरूर प्राप्त होगी।

कलयुग में साक्षात देव हनुमानजी हैं। हनुमानजी की साधना से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष सभी करतलगत हो सकते हैं। इति।

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