जनकसुता जन जननि जानकी। अतिसय प्रिय करुणानिधान की।।
ताक जुग पद कमल मनावउं। जासु कृपा निरमल मति पावऊं।।
अब प्रभु कृपा करहु एहि भांति। सब तजि भजन करां दिन राती।।
परम पूज्य आचार्य चरण गोस्वामी तुलसीदासजी रचित श्री हनुमान चालीसा में वर्णित श्री हनुमानजी के 109 नामों का उल्लेख श्री गोस्वामीजी ने बड़ी चतुराई के साथ किया है।
श्री हनुमान चालीसा के 109 नाम
प्रस्तुत हैं श्री हनुमान चालीसा में (गुप्त रूप) से वर्णित 109 नामावली
1. हनुमान- विशाल टेढ़ी ठुड्डी वाले
2. ज्ञानसागर - ज्ञान के अथाह सागर।
3.गुण सागर - गुणों के अथाह सागर।
4. कपीश - वानरों के राजा।
5. तीनों लोकों को उजागर करने वाले
6. श्री बाबा रामचन्द्रजी के दूत बनने वाले
7. अतुल बलशाली
8. माता अंजनी के पुत्र कहलाने वाले
9. पवन (वायुदेव) के पुत्र कहलाने वाले
10. वीरों के वीर कहलाने वाले महावीर
11. विक्रम - विशेष पराक्रमी
12. बजरंगी - वज्र के समान अंग वाले
13. सभी प्रकार की कुमति का निवारण करने वाले
14.सभी प्रकार की सुमति प्रदान करने वाले
15. कंचन वर्ण- स्वर्ण के समान वेश धारण करने वाले
16. सुवेशा - भली प्रकार से वेश धारण करने वाले
17. कानों में कुण्डल धारण करने वाले
18. कुंचीत केशा- घुंघराले बाल वाले
19. हाथ में गदा धारण करने वाले
20. हाथ में ध्वजा धारण करने वाले
21. कांधे मुन्ज : कंधे पर मुन्ज जनेऊ धारण करने वाले
22. परमात्मा : शिवशंकर के अवतारी
23. वानरराज केशरी सुपुत्र
24. तेज प्रताप धारण करने वाले
25. महाजग वंदन : सारे विश्व से पुजित
26. विद्यावान : सारी विद्याओं में पारंगत
27. गुणी : सर्वगुण संपन्न
28. अति चातुर : अत्यंत कार्यकुशल
29. श्रीराम के कार्य हेतु सदा आतुर रहने वाले
30. श्रीराम चरित्र सुनने में आनंद रस लेने वाले
31.श्री राजा रामजी के हृदय में बसने वाले
32. लक्ष्मणजी के हृदय में बसने वाले
33. श्री सीताजी के हृदय में बसने वाले
34. अति लघुरूप धारण करने वाले
35. अति भयंकर रूप धारण करने वाले
36. लंका दहन करने वाले
37. भीमकाय (विशाल) रूप धारण करने वाले
38. असुरों का नाश करने वाले
39. श्री रामचन्द्रजी के काज संवारने वाले
40. संजीवनी बूटी लाने वाले
41. लक्ष्मणजी के प्राण बचाने वाले
42. रघुपतिजी का आलिंगन पाने वाले
43. रघुपतिजी से प्रशंसा पाने वाले
44.श्री भरतजी के समान प्रेम पाने वाले
45.हजारों मुखों से यशोगान श्रवण करने वाले
46. सनकादिक ऋषियों, महर्षियों द्वारा यशोगान श्रवण करने वाले
47. मुनियों द्वारा यशोगान श्रवण करने वाले
48. ब्रह्माजी द्वारा यशोगान श्रवण करने वाले
49. देवताओं द्वारा यशोगान करने वाले
50. नारदजी द्वारा यशोगान श्रवण करने वाले
51. सरस्वती द्वारा यशोगान श्रवण करने वाले
52. शेषनागजी द्वारा यशोगान श्रवण करने वाले
53. यमराजजी द्वारा यशोगान श्रवण करने वाले
54. कुबेरजी द्वारा यशोगान श्रवण करने वाले
55. सब दिशाओं के रक्षकों द्वारा यशोगान श्रवण करने वाले
56. कवियों द्वारा यशोगान श्रवण करने वाले
57. विद्वानों द्वारा यशोगान श्रवण करने वाले
58. पंडितों द्वारा यशोगान श्रवण करने वाले
59. श्री सुग्रीवजी पर उपकार करने वाले
60. श्री सुग्रीवजी को रामजी से मिलाने वाले
61. श्री सुग्रीवजी को राजपद दिलाने वाले
62. श्री विभीषणजी को मंत्र प्रदान करने वाले
63. श्री विभीषणजी को लंकापति बनाने वाले
64. हजारों योजन तक उड़ने वाले
65. श्री सूर्यनारायण को फल समझकर निगलने वाले
66. श्रीराम नाम मुद्रिका मुख में रखने वाले
67. जलधी (समुद्र) को लांघने वाले
68. कठिन कार्य को सरल बनाने वाले
69. श्री रामचन्द्रजी के द्वार के रखवाले
70 श्री रामचन्द्रजी के दरबार में प्रवेश की आज्ञा प्रदान करने वाले (श्री रामजी की आज्ञा के बगैर कहीं न जाने वाले)
71. शरणागत को सब सुख प्रदान करने वाले
72. निज भक्तों को निर्भय (रक्षा) प्रदान करने वाले
73. अपने वेग को स्वयं ही संभालने वाले
74. अपनी ही हांक से तीनों लोक कम्पायमान करने वाले
75. भूतों के भय से भक्तों को मुक्त करने वाले
76. पिशाचों के भय से भक्तों को मुक्त करने वाले
77. महावीर श्रीराम नाम श्रवण करने वाले
78. भक्तों के सभी रोगों का नाश करने वाले
79. भक्तों की सभी पीड़ाओं का नाश करने वाले
80. मन से ध्यान करने वालों के संकट से छुड़ाने वाले
81. कर्म से ध्यान करने वालों को संकट से छुड़ाने वाले
82. वचन से ध्यान करने वालों के संकट से छुड़ाने वाले
83. तपस्वी राजा रामजी के कार्य को सहज करने वाले
84. भक्तों के मनोरथ (कामनाएं) पूर्ण करने वाले।
85. भक्तों को जीवन फल (रामभक्ति) प्रदान करने वाले
86.चारों युगों में अपना यश (प्रताप) फैलाने वाले
87. कीर्ति को सर्वत्र फैलाने वाले
88. जगत में ज्ञान का उजियारा करने वाले
89. सज्जनों की रक्षा करने वाले
90. दुष्टों का नाश करने वाले
91. श्रीरामजी का असीम प्रेम पाने वाले
92. अष्ट सिद्धि प्रदान करने वाले
93. नवनिधि प्रदान करने वाले
94. माता सीताजी से वरदान पाने वाले
95. रामनाम औषधि रखने वाले
96. श्री रघुपतिजी के दास कहलाने वाले
97. अपने भजन से रामजी की प्राप्ति कराने वाले
98. जन्म-जन्मांतर के दुख दूर करने वाले
99. अंतकाल में राम दरबार में पहुंचाने वाले
100. निज भक्तों को श्रीराम भक्त बनाने वाले
101. अपने सेवकों को सब सुख प्रदान करने वाले
102. अपने सेवकों के संकट मिटाने वाले
103. अपने सेवकों की सब पीड़ा मिटाने वाले
104. श्री हनुमानजी बलियों के वीर
105. श्री सद्गुरुदेव स्वरूप श्री हनुमानजी
106. अपने भक्तों को बंधनों से छुड़ाने वाले
107. अपने भक्तों को महासुख प्रदान करने वाले
108. नित्य पाठ करने वालों को सिद्धियों की साक्षी करवाने वाले
109. श्री तुलसीदासजी के हृदय में निवास करने वाले।