Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

एक योद्धा के रूप में श्रीकृष्‍ण, जानिए 13 रोचक तथ्‍य

हमें फॉलो करें एक योद्धा के रूप में श्रीकृष्‍ण, जानिए 13 रोचक तथ्‍य

अनिरुद्ध जोशी

भगवान श्री कृष्ण ने अपनी औपचारिक शिक्षा उज्जैन के संदीपनी आश्रम में मात्र कुछ महीनों में पूरी कर ली थी। जहां उन्होंने 16 विद्या और 64 कलाओं को सीखा था। भगवान श्रीकृष्‍ण प्रेम में जितने पारंगत थे उतने ही युद्ध में भी पारंगत था। उन्होंने अपने जीवन में कई युद्ध लड़े। आओ जानते हैं उनके युद्ध संबंधी 13 रोचक जानकारी।
 
 
1. जनसामान्य में यह भ्रांति स्थापित है कि अर्जुन सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे, परंतु वास्तव में श्रीकृष्ण इस विधा में भी सर्वश्रेष्ठ थे और ऐसा सिद्ध हुआ मद्र राजकुमारी लक्ष्मणा के स्वयंवर में जिसकी प्रतियोगिता द्रौपदी स्वयंवर के ही समान परंतु और कठिन थी। यहां कर्ण व अर्जुन दोंनों असफल हो गए और तब श्री कॄष्ण ने लक्ष्यवेध कर लक्ष्मणा की इच्छा पूरी की, जो पहले से ही उन्हें अपना पति मान चुकीं थीं।
 
2. भगवान् श्री कृष्ण के खड्ग का नाम नंदक, गदा का नाम कौमौदकी और शंख का नाम पांचजन्य था जो गुलाबी रंग का था।
 
3. भगवान् श्री कृष्ण के धनुष का नाम शारंग व मुख्य आयुध चक्र का नाम सुदर्शन था। वह लौकिक, दिव्यास्त्र व देवास्त्र तीनों रूपों में कार्य कर सकता था उसकी बराबरी के विध्वंसक केवल दो अस्त्र और थे पाशुपतास्त्र ( शिव, कॄष्ण और अर्जुन के पास थे) और प्रस्वपास्त्र ( शिव, वसुगण, भीष्म और कृष्ण के पास थे)।
 
4. प्रचलित अनुश्रुतियों के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने मार्शल आर्ट का विकास ब्रज क्षेत्र के वनों में किया था। डांडिया रास का आरंभ भी उन्हीं ने किया था।
 
5. कलारीपट्टु का प्रथम आचार्य कृष्ण को माना जाता है। इसी कारण नारायणी सेना भारत की सबसे भयंकर प्रहारक सेना बन गई थी। भगवान् श्री कृष्ण ने कलारिपट्टू की नींव रखी जो बाद में बोधिधर्मन से होते हुए आधुनिक मार्शल आर्ट में विकसित हुई।
 
6. भगवान श्रीकृष्ण के रथ का नाम जैत्र था और उनके सारथी का नाम दारुक/ बाहुक था। उनके घोड़ों (अश्वों) के नाम थे शैव्य, सुग्रीव, मेघपुष्प और बलाहक।
 
7. भगवान् श्री युद्ध कृष्ण ने कई अभियान और युद्धों का संचालन किया था, परंतु इनमे तीन सर्वाधिक भयंकर थे। 1- महाभारत, 2- जरासंध और कालयवन के विरुद्ध 3- नरकासुर के विरुद्ध
 
8. भगवान् श्री कृष्ण ने केवल 16 वर्ष की आयु में विश्वप्रसिद्ध चाणूर और मुष्टिक जैसे मल्लों का वध किया। मथुरा में दुष्ट रजक के सिर को हथेली के प्रहार से काट दिया।
 
9. भगवान् श्री कृष्ण ने असम में बाणासुर से युद्ध के समय भगवान शिव से युद्ध के समय माहेश्वर ज्वर के विरुद्ध वैष्णव ज्वर का प्रयोग कर विश्व का प्रथम जीवाणु युद्ध किया था।
 
10. भगवान् श्री कृष्ण के जीवन का सबसे भयानक द्वंद्व युद्ध सुभुद्रा की प्रतिज्ञा के कारण अर्जुन के साथ हुआ था, जिसमें दोनों ने अपने अपने सबसे विनाशक शस्त्र क्रमशः सुदर्शन चक्र और पाशुपतास्त्र निकाल लिए थे। बाद में देवताओं के हस्तक्षेप से दोनों शांत हुए।
 
11. भगवान श्री कृष्ण की मांसपेशियां मृदु परंतु युद्ध के समय विस्तॄत हो जातीं थीं, इसलिए सामान्यतः लड़कियों के समान दिखने वाला उनका लावण्यमय शरीर युद्ध के समय अत्यंत कठोर दिखाई देने लगता था ठीक ऐसे ही लक्ष्ण कर्ण व द्रौपदी के शरीर में देखने को मिलते थे।
 
12. भगवान श्री कृष्ण के शरीर से एक मादक गंध निकलती थी। जिसे युद्ध काल में छुपाने का वे हर समय प्रयत्न करते रहते थे।
 
13. भगवान कृष्ण ने यूं तो कई असुरों का वध किया जिनमें पूतना, शकटासुर, कालिया, यमुलार्जन, धेनुक, प्रलंब, अरिष्ठ आदि। लेकिन उन्होंने कई युद्ध भी लड़े थे, जैसे चाणुर और मुष्ठिक के बाद कंस से युद्ध, जरासंध से युद्ध, कालयवन से युद्ध, शिवजी से युद्ध, अर्जुन से युद्ध, नरकासुर से युद्ध, जामवंतजी से युद्ध, पौंड्रक से युद्ध आदि। उल्लेखनीय है कि श्रीकृष्‍ण ने महाभारत के युद्ध में भाग तो लिया था परंतु शस्त्र नहीं उठाए थे। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

जन्माष्टमी विशेष : वैभव, यश, सौभाग्य और कीर्ति देंगे भगवान श्रीकृष्ण के 108 नाम