श्रीकृष्ण का जन्म एक रहस्य है। कहते हैं कि वे गर्भ से नहीं जन्में थे। श्री हरि विष्णु ने माता देवकी के पास बाल रूप में जन्म लिया था। हालांकि यह भी एक रहस्य ही है। श्री कृष्ण को योगेश्वर कहा जाता है क्योंकि वे योग के हर अंग में पारंगत थे। योग के चलते ही उनका शरीर अद्भुत हो चला था। आओ जानते हैं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर उनके शरीर की 5 चमत्कारिक विशेषता।
1. भगवान श्री कृष्ण की त्वचा का रंग मेघश्यामल था, काला या सांवला नहीं। इसीलिए उनका एक नाम श्याम है।
2. भगवान श्री कृष्ण के शरीर से एक मादक गंध निकलती थी। जिसे युद्ध काल में छुपाने का वे हर समय प्रयत्न करते रहते थे।
3. भगवान् श्री कृष्ण के परमधामगमन के समय ना तो उनका एक भी केश श्वेत था और ना ही उनके शरीर पर कोई झुर्री थीं। वे जवान ही थे। 119 वर्ष की उम्र में वे अपने धाम चले गए थे।
4. भगवान श्री कृष्ण की मांसपेशियां मृदु परंतु युद्ध के समय विस्तॄत हो जातीं थीं, इसलिए सामान्यतः लड़कियों के समान दिखने वाला उनका लावण्यमय शरीर युद्ध के समय अत्यंत कठोर दिखाई देने लगता था।
5. भगवान श्रीकृष्ण के केश घुंघराले थे और उनकी आंखों बड़ी-बड़ी मोहक थी। आम लोगों की अपेक्षा यह केश और आंखें बहुत ही अलग थी।
तन पर पीले वस्त्र और सिर पर मोर मुकुट धारण किए, गले में बैजयंती माला और हाथों में बांसुरी लिए उनका रूप मनोरम नजर आता है। उपरोक्त बातें जैसा कि पुराणों में उनके रूप और रंग का वर्णन मिलता है उसके आधार पर है।