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कश्मीर से जम्मू की ओर शिफ्ट हुआ आतंकवाद, निशाने पर वैष्णो देवी मंदिर और पर्यटक

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सुरेश एस डुग्गर

, शुक्रवार, 14 जून 2024 (12:40 IST)
Jammu Kashmir news in hindi : उत्तर और दक्षिण- अर्थात कश्मीर तथा पंजाब के रास्ते आने वाले आतंकियों का मकसद विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थान वैष्णो देवी को नुकसान पहुंचाना है। साथ ही वे जम्मू संभाग में आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं को दहशतजदा कर आर्थिक तौर पर अब जम्मू की कमर को तोड़ देना चाहते हैं। ALSO READ: J&K के हालात पर PM मोदी ने की हाईलेवल मीटिंग, आतंकी हमलों को लेकर दिए ये निर्देश...
 
ऐसे में सबसे बड़ी चिंता 15 दिनों के बाद आरंभ होने जा रही अमरनाथ यात्रा की है। आतंकी इस बार अमरनाथ यात्रा को भी अपना निशाना बना सकते हैं।
 
जम्मू संभाग के कई इलाकों में पिछले पांच दिनों से सुरक्षाबल कहीं आतंकियों से और कहीं उनकी मौजूदगी की अफवाहों से जूझ रहे हैं। हालांकि 2 फिदायीन मारे जा चुके हैं पर दर्जनों की तलाश अभी तक कामयाबी का मुंह नहीं देख पाई है। इतना जरूर था कि पुलिस की कहीं भी कभी भी फिदायीन हमलों की चेतावनी और आशंका अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने लगी थी।
 
जानकारी के लिए वर्ष 2018 में 13 सितम्बर को हुए आतंकी हमले के बाद वैष्णो देवी के तीर्थस्थान की सुरक्षा को इसलिए बढ़ाया गया था क्योंकि मिलने वाली सूचनाएं और दस्तावेज कहते थे कि आतंकियों का निशाना वैष्णो देवी का तीर्थस्थान था। इससे पहले भी पंजाब के रास्ते जम्मू के सांबा तक पहुंच जाने वाले आतंकियों के निशाने पर भी वैष्णो देवी तीर्थस्थान ही था।
 
फिर उसके उपरांत बन टोल प्लाजा और पहले वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी के पास मारे गए आतंकी जम्मू बार्डर से अर्थात दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ते हुए जम्मू में अर्थ व्यवस्था की कमर तोड़ने का इरादा लेकर निकले थे। ऐसे ही इरादे उन आतंकियों के भी थे जो कई बार पंजाब के रास्ते तारबंदी को पार कर जम्मू क्षेत्र के कठुआ, हीरानगर और सांबा में राजमार्गों पर कई सैन्य यूनिटों पर आत्मघाती हमले बोल चुके थे।
 
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ऐसे हमलों के बाद भी अर्थव्यवस्था को ढलान पर देखा गया था क्योंकि हमलों के बाद जम्मू कश्मीर में आने वाले टूरिस्टों के साथ-साथ वैष्णो देवी आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में हमेशा जबरदस्त कमी आई थी। जानकारी के लिए जम्मू-पठानकोट तथा जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे का इस्तेमाल राज्य में आने वाले टूरिस्टों और वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं द्वारा किया जाता है और प्रत्येक हमले ने सबसे ज्यादा उन्हें ही दहशतजदा किया है।
 
अब जबकि ताजा हमले नेशनल हाईवे से मात्र कुछ किमी की दूरी पर हुए हैं, यह लोगों को दहशतजदा करने को काफी थे। सुरक्षाबल अतिरिक्त नाकों और तलाशी अभियानों से दबिश बनाने को जद्दोजहद में है लेकिन वे लोगों के दिलोदिमाग में घुसने वाले डर को दूर करने में फिलहाल अक्षम है। ALSO READ: अब जेके पुलिस ने उठाया सख्त कदम, आतंकवादी के मददगार का मकान किया कुर्क
 
सुरक्षाबलों के लिए सबसे बड़ी दिक्कत वे स्लीपर सेल और ओवर ग्राउंड वर्कर बन चुके हैं जो प्रत्येक हमले के उपरांत हत्थे तो चढ़ते हैं पर वे तब तक अर्थ व्यवस्था के अतिरिक्त शांति की धज्जियां उड़ाने में कामयाब हो चुके होते हैं। एक अधिकारी के बकौल जम्मू शहर के अतिरिक्त बार्डर एरिया में प्रवासी नागरिकों व किराएदारों की जानकारियां छुपाए जाने से भी प्रशासन की दिक्कत इसलिए बढ़ी है क्योंकि उनमें से कई आतंकियों के समर्थक साबित हुए हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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